अब श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करना बेहद आसान हो गया है। क्योंकि श्राइन बोर्ड ने यात्रा को और सुगम बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी। वहीं परियोजना ताराकोट से सांझीछत तक संचालित होगी।
अब श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करना बेहद आसान हो गया है। क्योंकि श्राइन बोर्ड ने यात्रा को और सुगम बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी। वहीं परियोजना ताराकोट से सांझीछत तक संचालित होगी।
सिख धर्म के संस्थापक और सिख के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती (गुरुपर्व) के अवसर पर दिल्ली और गाजियाबाद में विशेष आयोजन हो रहे हैं। दिल्ली के ऐतिहासिक बंगला साहिब गुरुद्वारा को भव्य तरीके से सजाया गया है और पूरे क्षेत्र में विशेष कीर्तन, अरदास और लंगर के आयोजन हो रहे हैं।
आज कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व पूरे देश में आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर अयोध्या सहित विभिन्न पवित्र गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है, जहां सरयू तट पर सुबह से ही स्नान के लिए भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई।
सिख धर्म की स्थापना 15वीं शताब्दी में गुरु नानक देव द्वारा की गयी थी फिर भविष्य में और 9 क्रमिक गुरुओं ने इसे आकार देकर गुरू के अमृत वचनों को मीठे शब्दों में पिरोया।
उत्तराखंड का पारंपरिक पर्व इगास, जिसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है, राज्य के लोगों के लिए आस्था, संस्कृति और वीरता का प्रतीक है। यह पर्व विशेष रूप से गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में दिवाली के 11 दिन बाद बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक देव एकादशी(देव उठनी) को पूरे भारत में, खास तौर पर भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। यह पवित्र दिन कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष (चंद्रमा चरण) की एकादशी (11वें दिन) को पड़ता है, जो आमतौर पर नवंबर में होता है।
उत्तराखंड में छठ पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा। चार दिवसीय इस महापर्व के अंतिम दिन व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया।
छठ पूजा 2024 का शुभारंभ आज मंगलवार से नहाय-खाय के साथ हो रहा है। लखनऊ में इस महापर्व के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्य आयोजन 7 नवंबर को लक्ष्मण मेला स्थल पर होगा, जहां शाम 5 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छठोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
मथुरा और ब्रज के मंदिरों एवं घरों में आज गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिन में कच्चा प्रसाद बनाकर आराध्य को अर्पित किया जाएगा।
इस वर्ष दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस था। इसी बीच, श्रीराम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर का मुहूर्त देने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने इस भ्रम को दूर किया और बताया कि दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में 29 अक्टूबर से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होगी। इस दौरान भगवान महाकाल की विशेष पूजा की जाएगी, जिसमें हर दिन अलग-अलग धार्मिक रस्मों का पालन किया जाएगा। 31 अक्टूबर को विशेष रूप से पांच आरती में भगवान की फुलझड़ियों के साथ पूजा होगी।
सनातन धर्म में तुलसी विवाह का बहुत ही विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप के साथ तुलसी जी का विवाह कराया जाता है। आइए जानते हैं इस साल कब है तुलसी विवाह और इस शुभ मुहूर्त के बारे में।
कृष्ण भगवान ने कहा- बहना, इसी तरह का प्रश्न एक बार माता पार्वती ने शंकरजी से किया था। तब शंकरजी ने माता पार्वती को करवा चौथ का व्रत बतलाया। इस व्रत को करने से स्त्रियां अपने सुहाग की रक्षा हर आने वाले संकट से वैसे ही कर सकती हैं जैसे एक ब्राह्मण ने की थी।
दिवाली का पर्व कार्तिक मास के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना की जाती है। इस दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापिस लौटे थे, जिसकी खुशी में सभी अयोध्या नगरवासियों ने दीपक जलाए थे।
उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद के पैकेट में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद, मंदिर प्रबंध समिति ने प्रसाद के पैकेट से ओम (ॐ) और मंदिर शिखर की तस्वीर हटाने का निर्णय लिया है।