केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 और 4 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेंगे। यह दौरा प्रदेश में स्थायी कृषि, प्राकृतिक खेती और ग्रामीण विकास को गति देने के साथ-साथ शैक्षणिक प्रोत्साहन का भी उद्देश्य लेकर किया जा रहा है। दो दिन के इस दौरे में मंत्री शिवराज सिंह कई अहम बैठकों, कार्यक्रमों और संवाद सत्रों में भाग लेंगे।
दौरे के पहले दिन 3 जुलाई को शिवराज सिंह श्रीनगर स्थित सिविल सचिवालय में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक का मकसद जम्मू-कश्मीर में चल रही केंद्र और राज्य की संयुक्त योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और जरूरत के मुताबिक सुधारों को अमल में लाना है। इसी दिन दोपहर में वह प्राकृतिक खेती और राष्ट्रीय तिलहन मिशन पर आयोजित परामर्शदात्री समिति की बैठक में शामिल होंगे, जहां इस क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर चर्चा होगी। शाम को शिवराज सिंह राजभवन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से शिष्टाचार भेंट करेंगे।
यात्रा का दूसरा दिन 4 जुलाई को शिक्षा और ग्रामीण विकास के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण होगा। शिवराज सिंह शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K) श्रीनगर के छठे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। SKUAST-K के शालीमार कन्वेंशन सेंटर में होने वाले इस समारोह में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री एवं SKUAST-K के प्रो चांसलर उमर अब्दुल्ला सहित कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे। समारोह में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी के विद्यार्थियों को डिग्री और 150 स्वर्ण पदक, 445 मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।
इसके अलावा मंत्री शिवराज सिंह SKUAST परिसर में मौजूद केसर और सेब के बागानों का निरीक्षण करेंगे। वहां बागवानी वैज्ञानिकों और किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं और अनुभव जानने का प्रयास करेंगे। इसके बाद खोनमोह गांव में ‘लखपति दीदियों’ के साथ बातचीत कर महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण समृद्धि के लिए उनके प्रयासों की सराहना करेंगे।
माना जा रहा है कि यह दौरा जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक खेती और टिकाऊ कृषि मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत पहले भी शिवराज सिंह ने जम्मू क्षेत्र का दौरा कर किसानों से सीधा संवाद किया था, और अब उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए यह यात्रा की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री का यह दौरा न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार की संभावनाओं को बल देगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं को शिक्षा के जरिए प्रोत्साहित करने और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए भी एक सकारात्मक संदेश देगा। आने वाले समय में इस दौरे से मिलने वाले फीडबैक को नीतियों में शामिल किया जाएगा, जिससे जम्मू-कश्मीर के विकास को रफ्तार दी जा सके। ग्रामीण विकास, प्राकृतिक खेती और महिला सशक्तिकरण जैसे अहम विषयों पर केंद्रीय कृषि मंत्री की यह यात्रा निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।