इस साल सावन या श्रावण मास 14 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 12 अगस्त को सावन का आखिरी दिन पड़ेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन 5वां महीना माना जाता है। इस साल सावन मास श्रावण, विष्कुंभ और प्रीति योग में शुरू हो रहा है।
इस साल सावन या श्रावण मास 14 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 12 अगस्त को सावन का आखिरी दिन पड़ेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन 5वां महीना माना जाता है। इस साल सावन मास श्रावण, विष्कुंभ और प्रीति योग में शुरू हो रहा है।
हिंदु परंपराओं में अक्षय तृतीया बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए कामों का कभी क्षय नहीं होती। वो हमेशा बने रहते हैं। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, अबूझ मुहूर्त यानी इस दिन कोई भी काम ग्रह स्थिति और शुभ मुहूर्त देखकर नहीं किया जाता।
आज का हमारा आर्टिकल केदारनाथ मंदिरपर आधारित है। इस आर्टिकल में हम आपको केदारनाथ मंदिर का इतिहासऔर अन्य मुख्य बातो से संबंधित जानकारी देंगे। जब भी भारत के तीर्थ स्थलों का नाम लिया जाता है तो उसमें केदारनाथ धाम का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है।
शिवपुराण के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से द्वितीय ज्योतिर्लिंग “मल्लिकार्जुन” है। यह कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल पर्वत पर स्थित है। इसे श्रीशैल या श्रीशैलम भी कहा जाता है। जो आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है। इसे दक्षिण का कैलाश भी कहते हैं।
भारत के दक्षिण में तमिलनाडु में स्थित 'रामेश्वरम' मंदिर कोई साधारण मंदिर नहीं है। धर्म और आस्था का सैलाब है यहां। कहा जाता है कि इस मंदिर में गंगाजल से प्रभू की पूजा करने से मन मांगी मुराद मिलती है।
भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित है। यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है और यह भारत के पवित्र शिव मंदिरों के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता को विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है पूरे ब्रह्मांड का शासक।
आज हम अपने पाठकों के लिए भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथे ज्योतिर्लिंग की जानकारी लाए हैं जो कि श्री ओंकारेश्वर-ज्योतिर्लिंग है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है।
51 शक्तिपीठों में से एक हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित ब्रजेश्वरी देवी का मंदिर का प्रसिद्ध है। यहां माता भगवान शिव के रूप भैरव नाथ के साथ विराजमान हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था। मां का यह धाम नरगकोट के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का वर्णन दुर्गा स्तुति में किया गया है। मंदिर के पास में ही बाण गंगा
आद्योगिक नगरी के नाम से देश-दुनिया में पहचाने जानें वाला कानपुर महानगर, क्रांतिकारियों के साथ-साथ धार्मिक नगरी के रूप में भी जाना जाता है। यहां दर्जनों एतिहासिक मंदिर हैं, जहां हरदिन सैकड़ों भक्त आते हैं और हाजिरी लगाकर मन्नत मांगते हैं। हम आपको जेके मंदिर (राधाकृष्ण मंदिर) से रूबरू कराने जा रहे हैं।
मां शैलपुत्री सती के नाम से भी जानी जाती हैं। इनकी कहानी इस प्रकार है - एक बार प्रजापति दक्ष ने यज्ञ करवाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण भेज दिया, लेकिन भगवान शिव को नहीं।
1 हजार साल पुराने इस मंदिर को बनने में 100 साल से भी ज्यादा का समय लगा था। ये मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एलोरा की गुफाओं में स्थित है। इसे एलोरा कैलाश मंदिर के नाम से जाना जाता है। जो भी पहली बार इस मंदिर को देखता है आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह पाता
आज हम आपको राशिफल के बारे में बताएगें की 19 जनवरी तक आपका राशिफल कैसा होगा। हिंदू धर्म में पंचांग और ग्रह नक्षत्रों को मानने वाले लोग राशिफल के बारे में भी बहुत अधिक उत्सुक से जानना चहते है। साथ ही जानिए कैसा होगा आपका दिन और आपका राशिफल।
आज हम आपको राशिफल के बारे में बताएगें की 19 जनवरी तक आपका राशिफल कैसा होगा। हिंदू धर्म में पंचांग और ग्रह नक्षत्रों को मानने वाले लोग राशिफल के बारे में भी बहुत अधिक उत्सुक से जानना चहते है।
संकटहरा चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश को समर्पित है। श्रद्वालु इस दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाईओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं।
आज हम आपको राशिफल के बारे में बताएगें की 18 जनवरी तक आपका राशिफल कैसा होगा। हिंदू धर्म में पंचांग और ग्रह नक्षत्रों को मानने वाले लोग राशिफल के बारे में भी बहुत अधिक उत्सुक से जानना चहते है।