मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 जनवरी 2025 को मनाया जा रहा है। यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे खिचड़ी और उत्तरायण जैसे नामों से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति का संबंध फसलों की कटाई और सम्पन्नता से है। इस दिन सूरज देव की पूजा की जाती है, दान दिया जाता है, और पतंग उड़ाई जाती है। पतंग उड़ाने की यह परंपरा कई धार्मिक, वैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से जुड़ी हुई है। आइए, इसके पीछे की वजहें जानें।
धार्मिक मान्यता: भगवान राम से जुड़ी कहानी
तमिल रामायण के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सबसे पहली बार पतंग भगवान श्रीराम ने उड़ाई थी। ऐसा माना जाता है कि उनकी पतंग इतनी ऊंची उड़ गई कि वह इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। तभी से मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई। पतंग उड़ाने को शुभता और खुशी का प्रतीक माना जाता है। इस दिन पतंग उड़ाकर लोग अपने जीवन में खुशहाली और सफलता की कामना करते हैं।
वैज्ञानिक कारण: सेहत के लिए फायदेमंद
पतंग उड़ाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। जनवरी का महीना कड़ाके की ठंड का होता है। मकर संक्रांति पर सुबह के समय धूप में पतंग उड़ाने से शरीर को विटामिन-डी मिलती है, जो हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए बेहद जरूरी है।
पतंग उड़ाने के दौरान फिजिकल एक्टिविटी होती है, जिससे शरीर एक्टिव रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा, सर्दियों में धूप की कमी से मूड डाउन रहता है, लेकिन पतंग उड़ाने जैसी गतिविधियां मूड को बेहतर बनाती हैं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं।
सामाजिक महत्व: एकता और मनोरंजन का प्रतीक
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाना सामाजिक एकता का प्रतीक है। इस दिन लोग एक साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं, जिससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं। यह बच्चों और बड़ों के लिए मनोरंजन का जरिया भी है। बच्चे इसे खेल के रूप में देखते हैं, जबकि बड़ों को बचपन की यादें ताजा करने का मौका मिलता है।
पतंग उड़ाने के दौरान बरतें ये सावधानियां
सुरक्षा का ध्यान रखें: पतंग उड़ाते समय बिजली के तारों और छत के किनारों से दूर रहें।
दूसरों का सम्मान करें: पतंग उड़ाते समय दूसरों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं।
पर्यावरण का ख्याल रखें: पतंग के धागे को सुरक्षित तरीके से डस्टबिन में डालें।
बाहर सावधानी से निकलें: मांजा और पतंगों की वजह से दुर्घटनाओं का खतरा रहता है, इसलिए सतर्क रहें।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा न केवल धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती है। इस मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें और इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाएं।