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Nainital: नैनीताल हाईकोर्ट में कल होगी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर सुनवाई

Nainital: नैनीताल हाईकोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगी रोक बरकरार है। सरकार ने नई नियमावली और आरक्षण रोटेशन में बदलाव किया था, जिसे याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी है। सुनवाई बुधवार को होगी जिसमें सभी पक्षों के तर्क सुने जाएंगे और भविष्य में चुनाव की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा।

By: RNI Hindi Desk 
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Nainital: नैनीताल हाईकोर्ट में कल होगी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर सुनवाई

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मामले में उच्च न्यायालय की सुनवाई बुधवार को होगी। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनावों पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार रखा है और बुधवार को स्टे वेकेशन समेत अन्य संबंधित मामलों पर विचार किया जाएगा।

आज की सुनवाई में सरकार ने मुख्य न्यायाधीश नरेन्द्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले को मेंशन किया। खंडपीठ ने इस मामले में बुधवार दोपहर सुनवाई के लिए समय निर्धारित किया है। सभी याचिकाओं को एक साथ मिलाकर सुनवाई की जाएगी।

मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार, बागेश्वर के निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनावों के लिए नई नियमावली जारी की, और 11 जून को जारी एक अन्य आदेश में पहले से लागू आरक्षण रोटेशन को खत्म करते हुए नया रोटेशन लागू करने का फैसला किया है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इस निर्णय से हाईकोर्ट द्वारा पहले दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हुआ है।

पंचायत चुनावों को लेकर इस विवाद ने राज्य में राजनीतिक हलकों और आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। चुनाव प्रक्रिया में आरक्षण के नियम और उनका सही पालन लोकतंत्र की मजबूत नींव के लिए आवश्यक माना जाता है। इस मामले में हाईकोर्ट का निर्णय आने से राज्य के पंचायत चुनावों की दिशा स्पष्ट होगी।

अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी सुनवाई में कोर्ट द्वारा निर्देशित समाधान से पंचायत चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित होगा। इससे चुनाव के दौरान उत्पन्न विवादों को भी कम करने में मदद मिलेगी।

इस मामले पर अगली सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को मौका मिलेगा कि वे अपनी दलीलें कोर्ट के सामने रखें। न्यायालय का यह फैसला पंचायत चुनावों के भविष्य और ग्राम स्तर पर शासन व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालेगा।

इस विवाद को लेकर सभी राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन भी सक्रिय हैं और वे अपनी-अपनी राय रखते हुए उचित न्याय की मांग कर रहे हैं। पंचायत चुनावों में आरक्षण नीति के परिवर्तन से प्रभावित होने वाले वर्गों में असंतोष की स्थिति है।

हाईकोर्ट द्वारा बुधवार को सुनवाई के बाद ही स्पष्ट होगा कि पंचायत चुनावों पर लगी रोक को कब तक लागू रखा जाएगा और आगे की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी।

यह मामला उत्तराखंड की लोकतांत्रिक प्रणाली और पंचायत राज के संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा होने के कारण विशेष महत्व रखता है। सभी की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो पंचायत चुनावों की दिशा तय करेगा।

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