1. हिन्दी समाचार
  2. Breaking News
  3. Uttarakhand News: केदारनाथ धाम यात्रा में बढ़ी कठिनाई, श्रद्धालु कर रहे लंबा और चुनौतीपूर्ण पैदल सफर

Uttarakhand News: केदारनाथ धाम यात्रा में बढ़ी कठिनाई, श्रद्धालु कर रहे लंबा और चुनौतीपूर्ण पैदल सफर

Uttarakhand News: बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम की यात्रा चुनौतीपूर्ण हो गई है। श्रद्धालु सोनप्रयाग से मुनकटिया स्लाइडिंग जोन होते हुए गौरीकुंड तक अतिरिक्त 6 किमी सहित कुल 24 किमी पैदल चलकर बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से मौसम पूर्वानुमान के अनुसार यात्रा की योजना बनाने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
Uttarakhand News: केदारनाथ धाम यात्रा में बढ़ी कठिनाई, श्रद्धालु कर रहे लंबा और चुनौतीपूर्ण पैदल सफर

उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं को इस बार यात्रा के दौरान अतिरिक्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश और रास्तों में आई भूस्खलन की घटनाओं के कारण श्रद्धालुओं को अब सामान्य मार्ग की अपेक्षा लंबा और जोखिमपूर्ण रास्ता तय करना पड़ रहा है। सोनप्रयाग से मुनकटिया स्लाइडिंग जोन होते हुए श्रद्धालु गौरीकुंड तक पहुंच रहे हैं, और फिर वहां से लगभग 24 किलोमीटर का पैदल ट्रैक कर बाबा केदार के दर्शन के लिए निकल रहे हैं।

आमतौर पर श्रद्धालु गौरीकुंड से केदारनाथ तक लगभग 16-18 किलोमीटर का ट्रैक तय करते हैं, लेकिन इस समय भूस्खलन प्रभावित मार्गों और सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें 6 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। भारी बारिश की वजह से रास्तों में कीचड़, पत्थरों की ढेर और तेज बहाव वाले नाले जैसे खतरनाक अवरोध आ रहे हैं, जिससे यात्रा और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।

श्रद्धालुओं की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है, लेकिन हर किसी को अब अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है। केदारनाथ यात्रा पर निकले बुजुर्ग और महिलाएं भी इस कठिन ट्रैक को तय कर रही हैं, जिससे प्रशासन के लिए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

उत्तराखंड पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लगातार मार्गों पर निगरानी कर रही हैं और जोखिम वाले इलाकों में श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। पुलिस ने अपील की है कि श्रद्धालु मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं और अनावश्यक जोखिम न लें। विशेषकर भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी के दौरान यात्रा को स्थगित करने की सलाह दी गई है।

स्थानीय प्रशासन भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सक्रिय है और कई स्थानों पर अस्थायी राहत केंद्र और प्राथमिक चिकित्सा शिविर भी स्थापित किए गए हैं। हालाँकि, इस समय बारिश और भूस्खलन के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं भी अनियमित हो गई हैं, जिससे अधिकतर यात्री पैदल यात्रा पर ही निर्भर हैं।

यह यात्रा केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि साहस और धैर्य की भी परीक्षा बन चुकी है। केदारनाथ के दर्शन के लिए लोगों की आस्था अडिग है, लेकिन परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और श्रद्धालु, दोनों को सतर्कता और संयम के साथ यात्रा पूरी करने की आवश्यकता है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...