आज कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व पूरे देश में आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर अयोध्या सहित विभिन्न पवित्र गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है, जहां सरयू तट पर सुबह से ही स्नान के लिए भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है, और इस अवसर पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है।
अयोध्या के प्रसिद्ध मठ-मंदिरों में भक्तों की कतारें लगी हुई हैं, वहीं वाराणसी में भी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिनमें ड्रोन निगरानी और सादी वर्दी में सुरक्षा कर्मियों द्वारा नजर रखी जा रही है।
मुख्य स्नान का मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा स्नान 15 नवंबर की सुबह 4:37 बजे से 16 नवंबर की सुबह 2:29 बजे तक रहेगा। इस पवित्र दिन पर श्रद्धालु स्नान, व्रत और दान का महत्व मानते हुए पुण्य अर्जित करते हैं। साथ ही इस दिन का संबंध भगवान विष्णु और शिव से भी है, जिन्होंने इस दिन त्रिपुरासुर का संहार किया था। सिख धर्म के लिए यह प्रकाश पर्व के रूप में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन गुरु नानक देव का जन्म हुआ था।
#WATCH | Uttar Pradesh: A huge crowd of devotees arrive in Varanasi to take holy dip in the Ganga River, on the occasion of Kartik Purnima. pic.twitter.com/dosN2SHqNN
— ANI (@ANI) November 15, 2024
धार्मिक आयोजन और व्यवस्थाएं
कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए नगर में मठ-मंदिरों और धर्मशालाओं में विशेष धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। श्रीरामचरित मानस और श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं का विशेष उत्साह देखा जा रहा है। देव दीपावली के उपलक्ष्य में घाटों पर दीपदान भी किया जाएगा।
यातायात और सुरक्षा प्रबंध
मेला क्षेत्र में यातायात को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन लागू किया गया है। श्रीराम अस्पताल से नयाघाट बंधा तिराहे तक चार पहिया और बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कार्तिक पूर्णिमा के अवकाश के चलते प्रमुख अस्पतालों में OPD बंद रहेगी। केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई और कैंसर संस्थान की आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी, जबकि सरकारी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक ही मरीजों का इलाज होगा।