दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय “केशव कुंज” में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आज दूसरा दिन है। इस महत्वपूर्ण बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले आज सभी प्रांत प्रचारकों के साथ सीधा संवाद करेंगे। बैठक में प्रत्येक प्रांत प्रचारक अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए कार्यों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी साझा करेंगे। इस बैठक में देशभर से 233 से अधिक पदाधिकारी शामिल हैं, और यह 6 जुलाई तक चलेगी। बैठक में संघ ने संविधान में शामिल “सेकुलर” और “सोशलिस्ट” शब्दों पर देशव्यापी विमर्श चलाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए विशेष अभियान की रणनीति भी बनाई जा रही है। कल पहले दिन की बैठक में संघ शताब्दी वर्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा हुई, जिनमें विस्तार, सेवा और सामाजिक समरसता के मुद्दों को प्राथमिकता देने की योजना शामिल रही।
RSS की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करीब में है ये माना जा रहा है कि भाजपा के अगले अध्यक्ष को लेकर इसी बैठक में अंतिम सहमति बनेगी, जिसके बाद पार्टी अपने अध्यक्ष के चुनाव तिथि की घोषणा कर सकती है। BJP को नए अध्यक्ष पद के लिए जेपी नड्डा जैसा ही कोई नाम चाहिए। उधर, RSS को कोई ऐसा चाहिए, जो संगठन का भरोसेमंद हो, जिसकी नीयत RSS की पद्धति और नीति पर चलने की हो नेता चाहिए
बैठक के दौरान संघ पदाधिकारियों ने सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, सेवा कार्यों और युवाओं में संगठन की स्वीकार्यता को बढ़ाने जैसे विषयों पर भी चर्चा की। संघ शताब्दी वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए अलग-अलग राज्यों में विस्तार योजनाओं की समीक्षा की जा रही है ताकि अगले कुछ वर्षों में अधिकतम विस्तार और संपर्क साधा जा सके। इसके अलावा प्रांत प्रचारकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों और सामाजिक परिवर्तनों पर भी नेतृत्व को अवगत कराया।
संघ ने यह भी साफ किया कि संविधान में “सेकुलर” और “सोशलिस्ट” शब्दों के ऐतिहासिक संदर्भ और मौजूदा समय में प्रासंगिकता पर पूरे देश में जनजागरण किया जाएगा, ताकि आम लोगों में इन शब्दों को लेकर सही समझ विकसित हो सके। इसके लिए शाखा स्तर से लेकर प्रांतीय स्तर तक विमर्श कार्यक्रम आयोजित करने की रणनीति तैयार की जा रही है।
भाजपा ने जुलाई के शुरुआत में कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुने गए है इसके बाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 50% राज्यों में चुनाव होने के बाद ही होता है। फिलहाल भाजपा की 37 मान्यता प्राप्त स्टेट यूनिट हैं। इनमें से अब तक कई राज्यों में अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जुलाई के अंत तक चुने जा सकते हैं।
नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में खत्म हो चुका
बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 को खत्म हो चुका है। वह एक्सटेंशन पर हैं। वहीं, वह केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं, इस वजह से भाजपा जल्द नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में जुटी है।
जेपी नड्डा को 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और जनवरी 2020 में वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे।