{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } आज आख़िरकार वो घड़ी आ ही गई है जिसका 500 साल से भी अधिक समय से इस देश के हिन्दू समाज को इंतज़ार था। आज देश के पीएम मोदी खुद राम मंदिर भूमि पूजन की शुरूआत करने वाले है। करोड़ों
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } आज आख़िरकार वो घड़ी आ ही गई है जिसका 500 साल से भी अधिक समय से इस देश के हिन्दू समाज को इंतज़ार था। आज देश के पीएम मोदी खुद राम मंदिर भूमि पूजन की शुरूआत करने वाले है। करोड़ों
जितेंद्र शर्मा { एडिटर इन चीफ } आज एक कोरोना वायरस के आगे पूरी दुनिया बेबस हो गयी है। प्रकृति दुनिया को आइना दिखा रही है। अपनी इच्छाओं और भोग में डूबा मनुष्य किस कदर अपने आप को शक्तिशाली समझने लगता है कि उसे लगता है उसका कोई कुछ नहीं
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } पुरे संसार में प्रभाव मानव की योग्यता का प्रतीक है और यही कारण है कि व्यक्ति किसी ना किसी चीज़ पर अपना प्रभाव रखता ही है। जिसके कारण उसे समाज में मान सम्मान प्राप्त हो जाता है। कहने के लिए
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } हमारा सम्पूर्ण भारत धर्म, न्याय, नीति और मर्यादा का ही स्थान रहा है लेकिन वेद पुराण का कहना है कि श्री भगवान विष्णु की प्रेरणा से चार युगों को अपना कार्य करना होता है। सतयुग में भी भगवान् ने अवतार
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } आदि काल से शक्ति का बड़ा महत्व है। कहते है कि जिसके पास शक्ति है उसी का महत्व है। ऐसे कई देश है जो हमसे खुश नहीं रहते है और हमेशा टकटकी लगाकर हमारी और देखते रहते है। अंग्रज़ों से
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } अगर आप कई बातों से अनभिज्ञ है तो कोई बात नहीं है लेकिन अगर सब कुछ जानने समझने के बाद भी अगर आप सरकार के नियमों का पालन नहीं कर रहे है तो अपने परिवार और समाज को आप संकट
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } हमारे ऋषि मुनियों ने हमेशा से कहा है कि इंसान को एकाग्र होना चाहिए। प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। जैसे एक इंसान मोबाइल पर बात करते हुए सड़क पर चलता है लेकिन उसका ध्यान आस पास नहीं
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } अभिमान मनुष्य के जीवन में एक अध्याय बनाता है। चाहे जिस उम्र में भी अभिमान आये लेकिन वो मनुष्य को अपने बाहुपाश में जकड़ लेता है। अभिमान आने के बाद इंसान अपमानित होने लगता है और उसके सगे संबंधी भी
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } अगर आप पुनर्जन्म के सिद्धांत में विश्वास रखते है तो आप इस बात को मानेगे की इस संसार जो भी अच्छा बुरा आप भोग रहे है वो सब आपके कर्मों का ही नतीजा है। स्वास्थ्य बिगड़ जाना एक अलग बात
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } जिज्ञासा एक ऐसा शब्द है जिसका जीवन में बड़ा महत्व है। जिज्ञासा मनुष्य के जीवन के उत्थान का कारण बन सकती है अगर इसे सही मायनों में समझा जाए। जिज्ञासा का शाब्दिक अर्थ है किसी भी चीज़ को जानने और
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } प्रकृति ने जिस प्रकार हज़ारों परिंदे पैदा किये उसी प्रकार हज़ारों लाखो जीव भी पैदा किये है। इसके अलावा अलग अलग देशों में अलग अलग जीव पैदा होते है। ये सब ईश्वर के द्वारा बनायी गयी ऐसी सृष्टि है जिसके
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } संसार का प्रत्येक कार्य मनुष्य के द्वारा ही संपादित किया जाता है लेकिन अध्ययन का कार्य हर व्यक्ति नहीं कर सकता। आखिर ऐसा क्यों है ? हर कर्म के पीछे एक कारण होता है। वो प्रत्यक्ष दिखाई नहीं देता है
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } संसार में ज्ञान का अपना महत्व है, बड़ा बड़भागी होता हैं वो पुरुष जसी विद्या प्राप्त होती है। ज्ञान ही सही मायनों में मनुष्य को उसके होने का अहसास करवाता है। ज्ञान ही मनुष्य को यह अनुभव देता है कि
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } कलह दो लोगों में हो, परिवार में हो या फिर देशों में हो अगर समय रहते उसका समाधान निकाल लिया जाए तो वो हित में रहता है अन्यथा उसके परिणाम भीषण हो जाते है। वैसे तो इस संसार में सारे
{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से } मानव , दानव, पशु पक्षी या कोई भी जीव आत्मा हो वो जिस शरीर में प्रवेश करती हैं उस योनि में वो अपने पिछले जन्म का फल भोगने आती है। मनुष्य के कर्मों का लेखा जोखा तो उसके भाग्य के