मनु चौधरी की कलम से सोचती हूँ बेचारा इमरान खान कहा मसीहा बनते – बनते शहीद न बना दिया जाये। वैसे मौजूदा हालात से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि इमरान खान की शहादत पाकिस्तान सम्भाल नहीं पायेगा। किसी भी तरह से पाकिस्तान आर्मी और सरकार को इमरान खान को
मनु चौधरी की कलम से सोचती हूँ बेचारा इमरान खान कहा मसीहा बनते – बनते शहीद न बना दिया जाये। वैसे मौजूदा हालात से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि इमरान खान की शहादत पाकिस्तान सम्भाल नहीं पायेगा। किसी भी तरह से पाकिस्तान आर्मी और सरकार को इमरान खान को
मनु चौधरी की कलम से ये सच है कि अगर आप अपने यहाँ मजहबी कट्टरता फैला कर आतंक की खेती करेगें तब उसमे लगे कीड़े दूसरे के खेत तक जाने से पहले आपकी ही फसल को सबसे पहले बर्बाद करेगें। ये भी सच ही है कि अपने बैकयार्ड में सांप
मनु चौधरी की कलम से पाकिस्तान पर इस समय दुनियाभर की नजरें हैं। कल इस्लामाबाद हाई कोर्ट से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से ही देश बुरी तरह से सुलग रहा है। गुस्साई जनता अब सेना को भी नहीं बख्शना चाहती है। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वार्ट्स से
कैसा समाज है ये जो कहता है कि ” वो कच्ची उम्र का है और अभी पेशेवर अपराधी भी नहीं है। किसी को गोली मारने में पहली बार उसका नाम आया था। उसे सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए था “। कमाल की बात है 5 लाख ईनाम वाला अपराधी
मनु चौधरी की कलम से मुझे मेरे अहम् सूत्रों से पता चला है कि चीन के एक गुब्बारे ने दिसंबर 2021 से मई 2022 तक पूरी दुनिया का चक्कर लगाया था जिसे अमेरिका ने बुलगर -21 का नाम दिया था। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इसमें भी
रिपोर्ट: धीरज मिश्रा सूरत (गुजरात), 11 दिसंबर, 2021: “हुनर हाट”, देश के स्वदेशी दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के “सम्मान के साथ सशक्तिकरण” और भारतीय कला और कारीगरी को “ताकत और तरक्की” का “सफल-सशक्त संकल्प” है। वनिता विश्राम परिसर, सूरत (गुजरात) में 11 से 20 दिसंबर, 2021 तक आयोजित 34वें “हुनर
मो. राशिद अल्वी (युवाछात्र व सोशलएक्टिविस्ट) भारत में बढ़ता बहुसंख्यकवाद, जिसमें झलकती फासीवाद और नाजीवाद विचारधारा और कुचले जाते अल्पसंख्यको के मानवाधिकार। भारत में बढ़ते इस बहुसंख्यकवाद से देश में उत्पन्न होती एक घृणित सोंच और इस सोंच से बढ़ती कट्टरता और खोती इंसानियत देश की खुशनुमा तहज़ीब को अंधकार
नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में सभी को हैरान कर दिया है। आए दिन लाखों की संख्या में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा देखने को मिल रहा है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन, नाईट कर्फ्यू आदि को लागू कर दिया है,
रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी नई दिल्ली: ‘सीरियल किलर’…ये शब्द जब आता है तो विलेन का किरदार निभाने वाले एक कलाकार की छवी सामने आ जाती है। जिन्होंने पर्दें पर अपने अभिनय से सिलसिलेवार ढंग से कई हत्याएं की। लेकिन इतिहास के पन्नों को पलट के अगर देखा जाए तो असल जिंदगी
सतीश सिंह सोशल मीडिया की विश्वसनीयता दाव पर थी। मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया ने हमारी जीवन शैली को बदल कर रख दिया है। आज हम सब तरफ से घिरे हुए हैं। सोशल साइट्स ने हमें एक तरह से अपने वश में कर लिया है। मोदी सरकार ने अब इसे
लोहड़ी का पर्व पौष के अंतिम दिन यानि माघ संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी’का अर्थ ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = लोहड़ी होता है। ये फसलों का त्योहार कहा जाता है। क्योंकि इस दिन पहली फसल कटकर तैयार होती है, जिसके लिए
हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरुनानक जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष गुरुनानक जयंती 30 नवंबर को मनाई जाएगी। सिखों के लिए यह पर्व बहुत ही महत्व रखता है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु है। गुरुनानक देव जी बालपन
किसी भी समाज को अगर अच्छा बनाना है तो सबसे पहले हर व्यक्ति को अच्छा बनना होगा। यही एक अच्छे समाज की नींव हो सकती है। किसी और की बुराई को देखना और उसी को हाईलाइट करके उसे बदनाम करने वाले लोग कभी भी अच्छा समाज नहीं बना सकते है।
आज के समय में कुछ युवाओं की शिकायत रहती है की अमुक व्यक्ति से उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ या अमुक व्यक्ति ने उन्हें ज्ञान देने की चेष्टा नहीं की लेकिन वो इस बात को भूल जाते है की क्या वो उस ज्ञान को पाने के लायक थे ? महाभारत
जीवन में कई बार हमारे साथ ऐसा होता है की हम अच्छा करने की सोच रहे होते है और एक इंसान आकर हमारे सारे अच्छे को बुरे में बदल देता है ,रामायण का एक ऐसा प्रसंग है जिससे हम ये सीख सकते है की हमे कैसे लोगों का संग करना