एलोवेरा के नाम और इसके गुणों से आज लगभग हर कोई वाकिफ हो चुका है। यह ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। इसे सभी सभ्यताओं ने एक औषधीय पौधे के रूप में मान्यता दी है और इस प्रजाति के पौधों
एलोवेरा के नाम और इसके गुणों से आज लगभग हर कोई वाकिफ हो चुका है। यह ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। इसे सभी सभ्यताओं ने एक औषधीय पौधे के रूप में मान्यता दी है और इस प्रजाति के पौधों
हो सकता है कि आज कल के पुरुषों के लिये हाइड्रोसील जैसी बीमारी नयी हो, लेकिन यह एक गंभीर बीमारी है जो आज कल बहुत फैल रही है। अगर आप इससे वाकिफ नहीं है तो आपको यह बता दे कि यह समस्या बहुत तेज़ी से फ़ैल रही है और एक
आज की इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी लोग अपने सेहत को लेकर लापरवाह हो गए है और शरीर अब बीमारियों का घर बनते जा रहा है और ऐसे में ऐसी कई बीमारी है जो एक बार किसी को हो जाए तो जीवन भर उसका पीछा नहीं छोड़ती है, इन्ही में
कहते है कि मानव शरीर में सबसे ज्यादा बीमारी पेट से ही फैलती है, बाबा रामदेव का कहना है कि अगर मनुष्य का पेट साफ़ नहीं हो तो वो कभी भी स्वस्थ नहीं रह सकता है, आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में लोग पारम्परिक भोजन प्रणाली को छोड़कर
रोजाना की व्यस्त जिंदगी में आज कल लोगों को बड़ी भागदौड़ होती है, लोग थक जाते है और धीरे धीरे बीमारी उनके शरीर को घेर लेती है तो ऐसे में बाबा रामदेव ने योग के ज़रिये लोगों की ज़िन्दगी बदलने का काम किया है। आज इस लेख में हम आपको
योग शरीर और मन को साधने की एक प्रक्रिया है। वेदों के छह अंगों में से एक है योग। मूलत: योग का वर्णन सर्वप्रथम वेदों में ही हुआ है लेकिन यह विद्या वेद के लिखे जाने से 15000 ईसा पूर्व के पहले से ही प्रचलन में थी, क्योंकि वेदों की
योग शरीर और मन को साधने की एक प्रक्रिया है। वेदों के छह अंगों में से एक है योग। मूलत: योग का वर्णन सर्वप्रथम वेदों में ही हुआ है लेकिन यह विद्या वेद के लिखे जाने से 15000 ईसा पूर्व के पहले से ही प्रचलन में थी, क्योंकि वेदों की
योग से कोई भी व्यक्ति जीवन को निरोगी, सुखद और सुंदर बना सकता है। योग सिर्फ आसन नहीं है, योग में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, क्रिया, मुद्रा आदि सभी का समावेश है। सभी को अपनाकर ही कोई व्यक्ति योगी बनता है। लेकिन आधुनिक मुनष्य के लिए यह
गांठ, सिस्ट और लिपोमा की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। महिलाओं को स्तनों में गांठ की समस्या भी काफी हद तक बढ़ते जा रही है। महिलाओं के साथ साथ पुरषों में भी गांठ की समस्या काफी हद तक देखा गया है, गांठ कहीं भी हो सकता है, हाथ
भागदौड़ भरी जीवन शैली की वजह से मनुष्य ने प्रकृति और स्वयं का सान्निध्य खो दिया है। इसी वजह से जीवन में कई तरह के रोग और शोक जन्म लेते हैं। हमारे पासनियमित रूप से योग करने या स्वस्थ रहने के अन्य कोई उपाय करने का समय भी नहीं है।
दूध एक ऐसा तरल पदार्थ है जिसमें लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मुख्य रूप से कैल्सियम, पोटैशियम, आयोडीन, विटामिन बी 2 और विटामिन बी 12 मुख्य रूप से पाया जाता है। दूध बच्चे, बूढ़े और जवान सभी के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन क्या आपको
आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास काम का प्रेशर ज्यादा है और रिलैक्स करने के लिए कम। ऐसे में दिमाग के साथ साथ आपके सेहत पर भी इसका सीधा असर पड़ता है। और इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप रोज सुबह थोड़ा समय निकाल कर
हमारी संस्कृति में रोज़ सुबह सूर्योदय से पहले उठने का विधान है और उगते सूरज के समक्ष सूर्य नमस्कार, योग, प्राणायाम आदि करने का नियम है क्यूंकि सूर्य विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स होता है लेकिन अगर योग के बाद शरीर की मालिश कर ली जाए और उसके बाद
जीवन में हर व्यक्ति यह चाहता है कि वो निरोग रहे और उसे हमेशा के लिए बीमारियों से छुटकारा मिल जाए, लेकिन हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है लेकिन भारत के ऋषि मुनियों के द्वारा प्रमाणित योग एक ऐसा रामबाण है जिसे करने से मनुष्य निरोगी और
आज के समय में अनियमित जीवन शैली ने लोगों की दिनचर्या को बिगाड़ कर रख दिया है, और यही कारण है कि आज के समय में पथरी की दिक्क्त लोगों में आम बात हो गयी है, तो आज इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है कि पथरी कैसे होती