मध्य प्रदेश में इस बार गीता जयंती का आयोजन बेहद खास होने जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत, बुधवार को राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन लाल परेड ग्राउंड में किया जाएगा, जिसमें 5,000 से अधिक आचार्य गीता के तृतीय अध्याय “कर्म योग” का सस्वर पाठ करेंगे। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके साथ ही एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकती है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस आयोजन को लेकर कहा कि मध्य प्रदेश को भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से धन्य भूमि माना जाता है, और इस पावन अवसर पर गीता पाठ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की यह अनूठी पहल राज्यवासियों के लिए गर्व का विषय होगी।
यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह एक महान प्रयास है, जो गीता के संदेश को व्यापक रूप से फैलाने का कार्य करेगा।
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई गीता की शिक्षा न केवल भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, बल्कि यह समग्र मानवता के लिए एक अमूल्य धरोहर मानी जाती है।
5,000 वर्ष पहले जब पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत का युद्ध चल रहा था, तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म और धर्म के बारे में गीता का उपदेश दिया। यह उपदेश आज भी हर व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शन का कार्य करता है।
इस बार गीता जयंती के अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार ने इसे विशेष रूप से मनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस वर्ष गीता जयंती के दिन गीता पाठ का आयोजन न केवल प्रदेशवासियों को गीता के संदेश से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि यह सनातन संस्कृति के महत्व को भी प्रमोट करता है।
मोहन सरकार ने गीता जयंती के मौके पर “कर्म योग” के पाठ का आयोजन किया है, जिसमें 5,000 से अधिक आचार्य शामिल होंगे। यह पहली बार है, जब इतनी बड़ी संख्या में आचार्य गीता के एक ही अध्याय का सस्वर पाठ करेंगे। इस विशाल आयोजन के बाद, इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की कोशिश की जाएगी।
गीता के तृतीय अध्याय “कर्म योग” में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म और कर्तव्य का महत्व समझाया। इस अध्याय में यह बताया गया है कि बिना किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के, सिर्फ कर्तव्य निभाना ही सच्चा कर्म है। इस संदेश को आचार्य पूरे प्रदेश में फैलाएंगे और यह आयोजन पूरे विश्व में गीता की महिमा को और बढ़ाएगा।
राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम में न केवल गीता पाठ होगा, बल्कि श्रीमद्भगवद पुराण और गौ एवं गोपाल चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, मुंबई के प्रसिद्ध साधो बैंड द्वारा भक्तिमय गीतों की सुरमई प्रस्तुति भी दी जाएगी, जो कार्यक्रम में एक दिव्य वातावरण का निर्माण करेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश के सभी प्रमुख होटलों में गीता, वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस की एक-एक प्रति रखी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश में आने वाले पर्यटकों और आगंतुकों को गीता की महिमा से अवगत कराना है, ताकि वे इस धार्मिक ग्रंथ के संदेश को समझ सकें और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर सकें।
मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन, यानि एकादशी के दिन गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को मोक्षदा एकादशी के रूप में भी जाना जाता है, जो विशेष रूप से धार्मिक महत्व रखता है। पंचांग के अनुसार इस बार गीता जयंती 11 दिसंबर को मनाई जा रही है।
इस विशेष दिन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गीता जयंती एक अवसर है जब हम गीता के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों को समझने का प्रयास करें।
यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मध्य प्रदेश को विश्वभर में एक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने का भी एक प्रयास है।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav