उत्तराखंड में अब ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और ग्रीन सेस की वसूली और अधिक सटीक और ऑटोमैटिक हो जाएगी। परिवहन विभाग ने राज्यभर में 55 नए एएनपीआर (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगाने की तैयारी कर ली है। इसके बाद पूरे प्रदेश में कुल 105 कैमरे सक्रिय हो जाएंगे।
परिवहन विभाग की योजना है कि इन कैमरों को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से जोड़ा जाए ताकि फास्ट टैग वॉलेट के माध्यम से ग्रीन सेस की राशि सीधे वसूल की जा सके। साथ ही, नियम तोड़ने वाले वाहनों का डिजिटल चालान भी स्वतः जारी किया जाएगा।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह के अनुसार, इन कैमरों की स्थापना एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इन कैमरों को NPCI से इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे फास्ट टैग से लिंक वॉलेट के माध्यम से तय ग्रीन सेस की राशि स्वतः कट जाएगी।
उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा ने जानकारी दी कि ग्रीन सेस केवल बाहरी राज्यों से आने वाले निजी और व्यावसायिक वाहनों से ही लिया जाएगा। यह सेस 24 घंटे में केवल एक बार ही वसूला जाएगा, चाहे वाहन राज्य में कई कैमरों के सामने से गुजरे। इससे वाहन चालकों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
नई व्यवस्था में ANPR कैमरों को VAHAN-4 डेटाबेस से भी जोड़ा जाएगा, जिससे हर वाहन की फिटनेस, टैक्स, परमिट आदि की स्थिति स्वतः दिख सकेगी। अगर कोई वाहन नियमों का उल्लंघन करता है, तो संबंधित वाहन स्वामी को सीधे चालान भेजा जाएगा।
उत्तराखंड में यह योजना डिजिटल ट्रैफिक निगरानी और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था भी पहले से अधिक मजबूत होगी।
This Post Is Written By Abhinav Tiwari (abhiniya2000@gmail.com)