मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है। लवकुश चौराहे पर प्रदेश का पहला डबल डेकर ब्रिज बन रहा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 70 फीट और लंबाई एक किलोमीटर है। यह ब्रिज मेट्रो ट्रैक के ऊपर बनाया जा रहा है, और इसके गर्डर लॉन्चिंग की तैयारी की जा रही है।
इस हाईटेक ब्रिज के मध्य भाग की स्टील गर्डर अब मेट्रो लाइन के ऊपर से लॉन्च की जाएंगी। इस दौरान ट्रैफिक को कुछ दिनों के लिए डायवर्ट किया जा सकता है। इंदौर विकास प्राधिकरण के अनुसार, यह ब्रिज अगले 12 महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा। सुपर कॉरिडोर की दिशा में ब्रिज का एक हिस्सा पहले ही बन चुका है और यातायात के लिए खोला जा चुका है।
डबल डेकर ब्रिज के निर्माण पर सरकार करीब 150 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। नियमों के अनुसार, मेट्रो ट्रैक से कम से कम 20 फीट ऊपर ही कोई भी स्ट्रक्चर बनाया जा सकता है, इसी कारण ब्रिज की ऊंचाई सामान्य से अधिक रखी गई है। ब्रिज के जिस बिंदु पर यह समाप्त होगा, वहां से छह लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक बहाव और अधिक सुगम होगा।
यह ब्रिज बाणगंगा से उज्जैन की ओर जाने वाले ट्रैफिक के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। अनुमान है कि ब्रिज से प्रतिदिन एक लाख से अधिक वाहन गुजरेंगे, जिससे मौजूदा सिग्नल पर लगने वाला 5 से 10 मिनट का समय बचेगा।
इंदौर विकास प्राधिकरण इस मार्ग पर ट्रैफिक का भार कम करने के लिए एमआर-12 रोड भी विकसित कर रहा है, जो सीधे बाइपास से जोड़ेगा। आने वाले वर्षों में जब सिंहस्थ मेला उज्जैन में आयोजित होगा, तब यह ब्रिज विशेष रूप से उपयोगी होगा, क्योंकि लाखों वाहन इंदौर होते हुए उज्जैन की ओर जाएंगे।
This Post Is Written By Abhinav Tiwari (abhiniya2000@gmail.com)