राजधानी दिल्ली की विधानसभा देश की पहली ऐसी विधानसभा बनने जा रही है जहाँ 500 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है। इस ग्रीन प्रोजेक्ट का शिलान्यास उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने इसे “क्लीन दिल्ली, ग्रीन दिल्ली” अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि अब सौर पैनल लगाने पर प्रति किलोवाट ₹10,000 की सब्सिडी मिलेगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि विधानसभा की बिजली खपत हर महीने भारी होती है, और यह सोलर प्लांट हर महीने लगभग ₹15 लाख की बचत करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली विधानसभा का बिजली बिल शून्य किया जाए।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य अगले साल तक 75,000 घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवाना है। वर्तमान में 25,000 घरों के लिए योजना चलाई जा रही है। इसके अलावा हाईटेंशन तारों को हटाने के लिए ₹1000 करोड़ का बजट रखा गया है।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी कि अगला सत्र पेपरलेस होगा और विधानसभा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी भी शुरू की जाएगी जिसमें दिल्ली की ऐतिहासिक नगर संरचना की जानकारियां होंगी। उन्होंने बताया कि 1861 से लेकर अब तक के दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे।
एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि यह विधानसभा भवन ऐतिहासिक है, जहाँ रौलट ऐक्ट पास हुआ था और भारत की आजादी की नींव रखी गई थी। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा से लालकिले तक सुरंग है तो उसे भी जनता के लिए खोला जाना चाहिए। उन्होंने नजफगढ़ नाले और साहिबी नदी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट लगाने का सुझाव भी मुख्यमंत्री को दिया।
इस आयोजन के साथ ही एक और महत्वपूर्ण सूचना यह रही कि दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र जो मंगलवार को होना था, उसे अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दी।
This Post Is Written By Abhinav Tiwari (abhiniya2000@gmail.com)