Free Trade Agreement: भारत के ब्रिटेन के साथ संबंध काफी अच्छे रहें है ,जिसके कारण भारत ने ब्रिटेन के साथ मिलकर मुफ्त व्यापार संधि करने का फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के राज्य सचिव डेविड लैमी से मुलाकात करने के बाद यह निर्णय लिया लिया है कि -भारत यूनाइटेड किंगडम के साथ मिलकर मुक्त व्यापार समझौते को संपन्न करने के लिए तैयार है।
आपको बता दें कि डेविड लैमी की लेबर पार्टी ने चुनाव के दैरान भारी जीत हासिल की है। हाल ही में ब्रिटेन में आम चुनाव हुए थे । वहीं दोनों पक्षों ने ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल की शुरू की थी, जिसमें ब्रिटेन महत्वपूर्ण भूमिका में रहने वाला है।
क्या है मुफ्त व्यापार संधि
मुक्त व्यापार समझौता एक प्रकार की संधि होती है, जिसमें दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात में बाधाओं को कम करने के लिए समझौता किया जाता है। मुक्त व्यापार संधि के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार खरीदा और बेचा जा सकता है। इसमें वस्तुओं के आदान-प्रदान को बाधित करने के लिए बहुत कम या कोई सरकारी शुल्क, कोटा, सब्सिडी या प्रतिबंध नहीं होता हैं।
भारत-ब्रिटेन संधि क्यों जरुरी है
यदि हम बात करें ब्रिटेन की तो भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बाज़ार हिस्सेदारी और रक्षा दोनों ही विषयों में समान प्रमुख रणनीतिक भागीदार निभाता है। भारत-ब्रिटेन के बीच 2015 में ‘रक्षा एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए।
यदि ब्रिटेन भारत के साथ सफलतापूर्वक मुफ्त व्यापार की संधि करेगा तो इससे ‘ग्लोबल ब्रिटेन’ की महत्त्वाकांक्षाओं को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि ब्रिटेन अपने बाजारों का विस्तार यूरोप से परे भी करने की इच्छा रखता है।
ब्रिटेन का महत्त्वपूर्ण वैश्विक अभिकर्त्ता के रूप में वैश्विक मंच पर अपनी जगह बनाने के लिये हिंद-प्रशांत क्षेत्र की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में अपने लाभ को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
भारत के साथ ब्रिटेन अपने बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों का सहारा लेते हुए संबंधों के बीच मधुरता लाने का प्रयास कर रहा है।जिससे वह भारत के साथ संधि कर अपने व्यापार में वृद्धि कर सकें।
ब्रिटेन ने भारत में अक्षय ऊर्जा के उपयोग का समर्थन करने के लिये ब्रिटिश अंतर्राष्ट्रीय निवेश निधि के 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर की भी चर्चा की है जिसके तहत , क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विकास करने में ब्रिटेन को मदद मिलेगी।
This post is written/Published by PRIYA TOMAR and Edited By Abhinav Tiwari