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कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के लिए समर्थन हासिल करने के लिए टिकैत बोले- सभी 40 नेता समर्थन हासिल करने के लिए पूरे दौरे करेंगे

By: RNI Hindi Desk 
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कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के लिए समर्थन हासिल करने के लिए टिकैत बोले- सभी 40 नेता समर्थन हासिल करने के लिए पूरे दौरे करेंगे

इंद्री, करनाल में किसान महापंचायत को संबोधित करते करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि देश में चल रहे कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन नहीं बल्कि, वैचारिक क्रांति शुरू हुई है। यह विचारों से शुरू होकर विचारों से ही खत्म होगी।

उन्होंने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि सरकार कृषि आंदोलन को सुलझाना चाहती है तो सरकार अपना नंबर दे, हमारे नेता सरकार से बात कर लेंगे। किसान नेता ने कहा कि एमएसपी पर बोलते हुए कहा कि अगर एमएसपी पर कानून बनेगा तो पूरे देश को लाभ होगा। केंद्र सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 नेता हलचल के लिए समर्थन लेने के लिए देश भर में दौरा करेंगे। इंद्री, करनाल में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि किसान संगठन केंद्र सरकार को तब तक चैन से नहीं बैठने देंगे जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती।

उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि “इस बार लक्ष्य (ट्रैक्टर परेड के लिए) 40 लाख ट्रैक्टर होंगे। हम सभी 40 नेता समर्थन हासिल करने के लिए पूरे दौरे करेंगे। हर कोई आंदोलन के लिए एकजुट है। अब, किसान देश का भविष्य तय करेंगे।”

बीकेयू के प्रवक्ता व नेता टिकैत ने कहा कि “जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है और हमसे बातचीत नहीं करती है, तब तक हम केंद्र को शांति से नहीं बैठने देंगे। यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाया जाता है, तो पूरे देश को लाभ होगा। केंद्र सरकार को चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाए। किसान संघों द्वारा जो भी निर्णय लिए जाएं, वे सभी को स्वीकार्य हैं।

बीकेयू के प्रवक्ता ने कहा कि ‘पंच’ (हलचल फैलाने वाले नेता) और ‘मंच’ (मंच) वही रहेंगे। उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि “हमारे दिमाग को खराब मत करो, ‘किशन और जवान’ दोनों ने अभी कहा है कि बिल वापस लो, हमने अभी तक ‘गड्डी’ वापस करने का नारा नहीं उठाया है, इसलिए बेहतर है कि तुम हमारा काम करते रहो।” उन्होंने कहा।

टिकैत ने यह भी आरोप लगाया कि कृषि कानून “सार्वजनिक वितरण प्रणाली को समाप्त कर देंगे।” इस अवसर पर टिकैत के अलावा किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल और हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह चारुणी भी उपस्थित थे। केंद्र सरकार ने 12-18 महीनों के लिए कृषि कानूनों को “रोककर” रखने की पेशकश की है, किसानों के यूनियनों द्वारा कानूनों के खिलाफ विरोध करने वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। तीन नए कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसानों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

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