उज्जैन, मध्य प्रदेश में 2028 में होने वाला सिंहस्थ महाकुंभ एक ऐतिहासिक और विशाल धार्मिक आयोजन बनने जा रहा है। इस बार सिंहस्थ में लगभग 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस आयोजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि यह महाकुंभ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो, बल्कि दुनियाभर में अपनी व्यवस्थाओं के कारण एक आदर्श उदाहरण बने।
सिंहस्थ महाकुंभ के लिए 3360 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा विकास
सिंहस्थ महाकुंभ के आयोजन के लिए उज्जैन में 3360 हेक्टेयर क्षेत्र को मेला स्थल के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत सड़कों, जल आपूर्ति प्रणालियों, सीवेज लाइनों, बिजली ग्रिड्स और अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए 5955 करोड़ रुपये की 19 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो इस क्षेत्र की आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करेंगी।
क्षिप्रा नदी में स्वच्छ जल का प्रवाह और यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में काम
सिंहस्थ महाकुंभ में श्रद्धालुओं को पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान कराने के लिए नदी के जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। इसके तहत सेवरखेड़ी, सिलारखेड़ी, कान्ह क्लोज डक्ट और हरियाखेड़ी जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं, 2300 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों और यातायात व्यवस्था का विकास किया जा रहा है ताकि लाखों श्रद्धालुओं के लिए मार्ग सुगम बन सके।
6 हजार करोड़ से स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण
उज्जैन और इंदौर को सिंहस्थ-2028 के मुख्य केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विभागीय कार्यों को समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, सिंहस्थ की तैयारियों के लिए 6 हजार करोड़ रुपये से स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का भी निर्णय लिया गया है, ताकि आयोजन के बाद भी इन सुविधाओं का लाभ श्रद्धालुओं को मिलता रहे।
सिंहस्थ महाकुंभ 2028: एक ऐतिहासिक धार्मिक यात्रा की ओर बढ़ते कदम
सिंहस्थ महाकुंभ 2028 को लेकर मध्य प्रदेश सरकार की तैयारियां न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, यातायात व्यवस्था, जल आपूर्ति और अन्य सुविधाओं के संदर्भ में भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस आयोजन को वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।