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TV पर रामभक्त बन रहे थे सपा प्रवक्ता, संबित बोले- जब रामभक्तों पर गोलियां चलवाई गईं, तब कहां थी आस्था?

By: RNI Hindi Desk 
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TV पर रामभक्त बन रहे थे सपा प्रवक्ता, संबित बोले- जब रामभक्तों पर गोलियां चलवाई गईं, तब कहां थी आस्था?

नई दिल्ली: अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए जमीन की खरीद को लेकर ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ पर घोटाले का झूठे आरोप लगाने वाले विपक्षी अब बैकफुट पर आ चुके हैं, विपक्षियों को हर जगह मुंह की खानी पड़ रही है, हालाँकि एक बात यह जरूर अच्छी है कि राम विरोधी अब खुद को बड़ा वाला रामभक्त के रूप में पेश कर रहे हैं. दरअसल अयोध्या में जमीन सौदे को लेकर एक न्यूज़ चैनल पर डिबेट चल रही थी, कुछ ही देर में ये बहस गरमागर्म हो गई और संबित पात्रा ने अनुराग भदौरिया को आड़े हाथों ले लिया। ऐसा सवाल पूछ लिया कि हरे कुर्ते वाले भदौरिया सन्न रह गए. ( sambit patra and rammandir )

जनसत्ता के मुताबिक़, भाजपा पर निशाना साधते हुए सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, “आपके पेट में बाल नहीं है, पूरा जूड़ा है। अरे प्रभु राम राजनीति का विषय नहीं हैं, प्रभु राम आस्था का विषय हैं। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, क्या कह रहे आप टोंटी में जूड़ा रखा है? पात्रा ने कहा मुलायम सिंह यादव गोली चलवाए थे रामभक्तों पर। कह रहे थे कि 60 को मारा है अभी, 100 को मारना बाकी है। तब आस्था कहां चली गई थी। गोली चलाने वालों आस्था-आस्था कर रहे हो। ( sambit patra and rammandir )

विपक्ष के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार एडवोकेट ने कहा, ये जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक की थी, कुछ वर्ष पहले एक ‘रजिस्टर्ड तो एग्रीमेंट सेल’ उन्होंने किया सुल्तान अंसारी, रविमोहन तिवारी और दूसरे लोगों के साथ, कुछ वर्ष पहले वह एग्रीमेंट हुआ था तो उसी समय के प्राइस यानि रेट/दाम पर हुआ, और उस समय का प्राइस था दो करोड़ रूपये। ( sambit patra and rammandir )

आलोक कुमार ने आगे कहा, ट्रस्ट को लगा कि यह जमीन महत्वपूर्ण है, हमारे कामों के लिए आवश्यक है, हम लोगों ने इन दोनों से सम्पर्क किया, कुसुम पाठक और हरीश पाठक इसे बेंचने को तैयार थे पर एग्रीमेंट to सेल तो सुल्तान अंसारी के साथ था, सुल्तान अंसारी इसे बेंचने को तैयार थे, पर उनके पास सेल डेट नहीं थी, तो क़ानूनी रास्ता निकाला कि कुसुम पाठक और हरीश पाठक इसको सुलतान अंसारी और रविमोहन तिवारी को बेंच दें, ये सेल तो उसी प्राइस में हो सकती थी, जो एग्रीमेंट में थी, उस समय का प्राइस दो करोड़, एग्रीमेंट में दो करोड़, और दो करोड़ में सेल हो गई.

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