प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन, पीएम मोदी ने गिर राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी का आनंद लिया और इसके बाद नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (NBWL) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन से जुड़े राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
जूनागढ़ में ‘नेशनल रेफरल सेंटर’ की आधारशिला
प्रधानमंत्री मोदी ने जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में वन्यजीवों के चिकित्सीय निदान और रोग से बचाव के लिए ‘नेशनल रेफरल सेंटर’ की आधारशिला रखी। यह केंद्र 20.24 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित किया जाएगा और इसमें वन्यजीवों के इलाज और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा, सरकार ने सासण गिर में हाई-टेक वाइल्डलाइफ मॉनिटरिंग सेंटर और एक अत्याधुनिक वन्यजीव अस्पताल स्थापित किया है, जिससे गिर के एशियाई शेरों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण को और मजबूती मिलेगी।
मई में होगी एशियाई शेरों की गणना
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि मई 2025 में एशियाई शेरों की गणना की जाएगी। वर्तमान में, गुजरात के नौ जिलों के 53 तालुकों में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ये शेर निवास कर रहे हैं। इनकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है।
NBWL की बैठक: वन्यजीव संरक्षण पर अहम चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वन्यजीव संरक्षण से जुड़े प्रमुख विषयों पर मंथन किया गया। इस बैठक में सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन, मुख्य वन्यजीव वार्डन और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री सासण गिर पहुंचे, जहां उन्होंने महिला वन कर्मचारियों से संवाद किया और उनके योगदान की सराहना की।
गिर में जंगल सफारी का अनुभव
विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी ने गिर राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी का भी आनंद लिया। इस दौरान उनके साथ पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सरकार की बड़ी योजनाएं और संरक्षण प्रयास
गुजरात सरकार और केंद्र सरकार मिलकर गिर के वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही हैं। इनमें शेरों की डिजिटल ट्रैकिंग, वन्यजीव अस्पतालों का विस्तार, और सख्त सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया है।