मार्च के अंतिम हफ्ते में हुए लॉकडाउन के कारण किसानों को आम के व्यापार से इस बार कोई फायदा नहीं हुआ है। दरअसल आपको बता दे कि आम निर्यातकों एवं किसानों के पास घाटा सहने के अलावा कोई उपाय नहीं है।
आम तौर पर गर्मी आते ही आम की मांग बढ़ जाती है लेकिन लॉकडाउन होने से व्यापार सिमट गया है। अंतराष्ट्रीय व्यापार तो वैसे भी बंद है, लेकिन घरेलू बाजार में भी मांग न के बराबर ही है।
आम जो 40 से 50 रूपये किलो बिकते थे वो आज 10 से 15 रूपये किलो पर आ गए है क्यूंकि निर्यात नहीं हो रहा है।
आम की मांग बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, जयपुर आदि जगहों पर है. हर बार इन शहरों से लगभग 75 प्रतिशत तक का व्यापार होता था, लेकिन इस बार बस नाम मात्र ही ऑर्डर आया है।