भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने एग्रोस्टार और के बी एक्सपोर्ट्स के सहयोग से समुद्री मार्ग के जरिए ऑस्ट्रेलिया को सांगोला और भगवा किस्म के प्रीमियम अनार की पहली वाणिज्यिक परीक्षण खेप सफलतापूर्वक भेजी। यह भारत के कृषि निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश के वैश्विक कृषि व्यापार को और मजबूती प्रदान करता है।
पहली समुद्री खेप का सफल शिपमेंट
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पहली समुद्री माल ढुलाई शिपमेंट 6 दिसंबर 2024 को भारत से रवाना हुई और 13 जनवरी 2025 को सिडनी पहुंची। इसमें महाराष्ट्र के सोलापुर क्षेत्र से प्राप्त 5.7 मीट्रिक टन (MT) अनार शामिल थे, जिन्हें 1,900 बक्सों में पैक किया गया था, प्रत्येक बक्से में 3 किलोग्राम प्रीमियम फल थे। इसके अलावा, भगवा किस्म के 1,872 बक्से (6.56 टन) वाली एक और खेप 6 जनवरी 2025 को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन पहुंची।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय अनार की जबरदस्त मांग
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, ब्रिस्बेन और मेलबर्न में अनार की इस खेप को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। उच्च गुणवत्ता और बेहतर स्वाद के कारण मांग इतनी अधिक रही कि अतिरिक्त शिपमेंट के लिए तत्काल अनुरोध किए गए। यह व्यापार दोनों देशों के बीच बढ़ते कृषि निर्यात संबंधों को दर्शाता है। इस खेप का शिपमेंट ऑस्ट्रेलिया के गैर-उत्पादन सीजन के दौरान किया गया, जिससे भारतीय निर्यातकों को बाजार के अधिक अवसर प्राप्त हो सके।
ऑस्ट्रेलिया को भारतीय अनार निर्यात की योजना
फरवरी 2024 में, ऑस्ट्रेलिया को भारतीय अनार के निर्यात के लिए एक कार्ययोजना और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) पर हस्ताक्षर किए गए थे। APEDA और राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठन (NPPO) द्वारा बाजार पहुंच की सुविधा मिलने के बाद जुलाई 2024 में पहली हवाई खेप भेजी गई थी। हवाई खेप के सकारात्मक नतीजों के आधार पर, लागत दक्षता को ध्यान में रखते हुए समुद्री खेप भेजने का निर्णय लिया गया।
भारत का कृषि निर्यात तेजी से बढ़ रहा है
APEDA के अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा कि “भारत का कृषि निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। ताजे फलों का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 29% की वृद्धि दर से बढ़ रहा है, जबकि अनार के निर्यात में 20% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऑस्ट्रेलिया को भेजी गई प्रीमियम अनार की सफल खेप भारत की उच्च गुणवत्ता वाली ताजा उपज की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग को साबित करती है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत के ANARNET जैसी उन्नत ट्रेसेबिलिटी प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कृषि उत्पाद उच्चतम वैश्विक मानकों को पूरा करें।
APEDA की अहम भूमिका
APEDA भारतीय किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच को आसान बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा कि “हम नए और उभरते बाजारों में विस्तार करके भारतीय किसानों और कृषि-उद्यमियों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सफलता भविष्य में और अधिक सहयोग और निर्यात वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
भविष्य की संभावनाएं
सितंबर 2025 में शुरू होने वाले अगले निर्यात सत्र के साथ, एग्रोस्टार के INI फार्म्स, के बी एक्सपोर्ट्स और अन्य प्रमुख खिलाड़ी इस सफलता को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इससे ऑस्ट्रेलिया को भारतीय अनार की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित होगी और भारत की वैश्विक कृषि व्यापार में स्थिति और मजबूत होगी।
APEDA, जो भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करता है, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह संगठन भारतीय किसानों और कृषि व्यवसायों को बाजार विकास, बुनियादी ढांचे के विस्तार और ट्रेसेबिलिटी प्रणाली के माध्यम से निर्यात संवर्धन में मदद करता है। ताजे फल, सब्जियां, बासमती चावल और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों सहित भारत का कृषि निर्यात लगातार बढ़ रहा है, जिससे वैश्विक कृषि व्यापार में देश की स्थिति और मजबूत हो रही है।