यदि आप खाद, बीज या वर्मीकम्पोस्ट की दुकान खोलने की योजना बना रहे हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि लाइसेंस कहाँ से और कैसे प्राप्त करें, तो चिंता न करें क्योंकि हम आपकी सहायता के लिए यहाँ हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए कुछ न कुछ नया करती रहती है । हाल ही में बिहार सरकार ने खाद, बीज और वर्मीकम्पोस्ट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक नया नियम लागू किया है।
पहले खाद या बीज की दुकान खोलने के लिए लोगों को संबंधित कार्यालय में जाकर लंबी कतारों में खड़े होकर लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता था। इतना ही नहीं मीडिया द्वारा कालाबाजारी के कई मामले भी सामने आए, बल्कि अब बिहार सरकार ने पूरी प्रक्रिया को आसान बनाकर मामले को सुलझा लिया है।
आसान हुई आवेदन प्रक्रिया
अब जो लोग उर्वरक, बीज और कीटनाशक बेचने का लाइसेंस चाहते हैं उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा क्योंकि पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है। यह नई व्यवस्था सरकार द्वारा अधिकांश जिलों में लागू कर दी गई है। कृषि विभाग ने इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों के साथ सभी जिला कृषि अधिकारियों को भी दी है।
उर्वरक, बीज लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें
बीज, खाद की दुकान का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें;
सबसे पहले कृषि विभाग की डीबीटी वेबसाइट पर जाएं ।
होमपेज पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें।
फिर लाइसेंस पंजीकरण पर क्लिक करें, फिर आधार द्वारा प्रमाणीकरण पर क्लिक करें।
प्रमाणीकरण के बाद, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होगा।
अप्लाई रिन्यूअल/नया लाइसेंस पर क्लिक करें।
अपनी आवश्यकता के अनुसार बीज या उर्वरक पर क्लिक करें।
अब सभी विवरण ध्यान से भरें, सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और भुगतान करें।
एक बार आवेदन पूरा हो जाने के बाद, उसका प्रिंट आउट ले लें।
अब उस हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर संबंधित कार्यालय में जमा करें।
नोट : यदि कोई तकनीकी समस्या है तो @ 8789578914 . पर संपर्क करें
विभाग को आपका आवेदन मिलते ही वह तुरंत प्रक्रिया शुरू कर देगा। अगर आपके दस्तावेज और फॉर्म सही हैं तो एक महीने के अंदर आपको या तो लाइसेंस मिल जाएगा। लेकिन अगर आपके दस्तावेज़ आवश्यकताओं से मेल नहीं खाते हैं तो आपका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।
सरकार ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया क्योंकि पूर्व में राज्य में उर्वरकों की बिक्री के दौरान कई अनियमितताओं और धोखाधड़ी की सूचना मिली थी। इन्हीं समस्याओं और शिकायतों को देखते हुए विभाग ने इस व्यवस्था को ऑनलाइन कर लोगों के लिए पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है।