नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रिजर्व बैंक की ओर से लगातार चिंता जताए जाने के बाद बिटक्वाइन, ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल करेंसी) को लेकर इसके भविष्य पर चर्चा और तेज हो गई है। मामले से जुड़े सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भारत में अब क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। क्योंकि अरबों डॉलर से ज्यादा का निवेश भारतीय कर चुके हैं। इसे निवेश विकल्प के रूप में मान्यता दी जा सकती है, लेकिन लेनदेन में इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
सूत्रों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित और अपारदर्शी होने के कारण सरकार इस पर सख्ती बरतना चाहती है। उसकी मंशा क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियों, एक्सचेंज और प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने की भी है, जहां निवेशकों को मोटे रिटर्न के दावे से लुभाया जाता है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े उद्योग और संगठन भारतीय प्राधिकरणों के बीच भरोसा जगाने की कोशिश कर रहे हैं।
उनकी मांग है कि क्रिप्टो को करेंसी का दर्जा देने के बजाए संपत्ति के रूप में मान्यता दी जाए। सरकार भी इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन पर पूरी तरह प्रतिबंध का फैसला हो सकता है। हालांकि, इसे सोने, शेयर और बॉन्ड जैसी संपत्तियों के रूप मान्यता दी जा सकती है। संगठनों ने इसके नियंत्रण का जिम्मा बाजार नियामक सेबी को देने का भी सुझाव दिया है, जिस पर फैसला होना अभी बाकी है। एक नवंबर तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों का कुल निवेश 75 हजार करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) से ज्यादा था।
पीएम मोदी से लेकर आरबीआई के गवर्नर ने उठाए सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित क्रिप्टो बाजार धनशोधन और आतंकी फंडिंग का प्रमुख जरिया बन सकता है। छोटे निवेशकों को लोक-लुभावने वादों से फंसाया जा रहा और उनके पैसे ऐसे निवेश में फंस रहे, जहां से रिटर्न पर बहुत जोखिम होगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने दो टूक कहा कि इससे अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर जोखिम बढ़ेगा।
क्रिप्टो के सबसे ज्यादा निवेशक
भारत 10.07 करोड़
अमेरिका 2.74 करोड़
रूस 1.74 करोड़
नाइजीरिया 1.30 करोड़
जनसंख्या के अनुपात में
यूक्रेन 12.73 फीसदी
रूस 11.91 फीसदी
कीनिया 8.52 फीसदी
अमेरिका 8.31 फीसदी
भारत 7.30 फीसदी
एक दिन में 28 लाख फीसदी चढ़ी क्रिप्टोकरेंसी, अगले घंटे 90 फीसदी बढ़त खत्म
बाजार में आ रही नई-नई क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोखिम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एआरसी गवर्नेंस टोकन नाम की आभासी मुद्रा एक घंटे के भीतर 28 लाख फीसदी चढ़ गई। उसकी कीमत 0.34 डॉलर से बढ़कर 9,991.70 डॉलर पहुंच गई। हालांकि, एक घंटे के भीतर क्रिप्टो ने 90 फीसदी बढ़त गंवा दी और कीमत 906 डॉलर प्रति क्वाइन पर आ गई।