देश में खेती के लायक ज़मीन घटती जा रही है, और ऊपर से किसानों की दिक्कत ये है कि उनकी बहुत सारी ज़मीन ऊसर है, उसपर खेती करना मुश्किल है। दुनिया के कई दूसरे देशों में भूमि सुधार के लिए उन्नत तकनीक अपनाई जा रही है।
हमारे देश में भी ऐसे मोबाइल एप की शुरूआत हो चुकी है पर इसका प्रचार-प्रसार बहुत कम है। किसानों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे जिप्कैल एप के बारे में जिससे आप अपनी ऊसर भूमि को बेहद उपजाऊ भूमि में बदल सकते हैं। ये एप बताएगा कि कितनी उपज के लिए भूमि को कितनी उर्वरक और जल की ज़रूरत है। देखिए जिप्कैल एप क्या है?
ऊसर या कम ऊपज वाली भूमि के सुधार के लिए भूमि में जिप्सम की आवश्यकता होती है | जिप्सम की आवश्यक मात्रा को मालूम करने के लिए हमारे किसान भाईयो को मृदा जाँच केंद्र जाना होता है जिसमे मृदा वैज्ञानिक मिट्टी की जाँच कर इसके सुधार के लिए आवश्यक जिप्सम की मात्रा बताते है।
इस प्रक्रिया में किसान भाईयो को काफी दिन लग जाते है, किसानो कि इस समस्या को देखते हुए केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिको ने GYPCAL नामक मोबाइल एप्लीकेशन को बनाया है।
जिन किसान भाईयो का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बन चूका है वह किसान भाई इस एप्लीकेशन की सहायता से अपने खेत की उसर भूमि या कम उपजाऊ वाली भूमि के सुधार के लिए आवश्यक जिप्सम कि मात्र निकाल लेंगे।
GYPCAL एप्लीकेशन हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में किसान भाई अपने एंड्राइड मोबाईल में प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते है।