पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने सख्त रुख से यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ सहनशीलता की कोई जगह नहीं है। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के साथ-साथ भारत ने आर्थिक, कूटनीतिक और डिजिटल मोर्चे पर भी उसे घेर लिया है।
भारत ने 2 मई को जारी अधिसूचना के तहत पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के आयात-निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। यहां तक कि तीसरे देशों के माध्यम से होने वाला व्यापार भी रोक दिया गया है। इस कदम से पहले ही चरमराई पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को और बड़ा झटका लगा है। अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत ने पाकिस्तान को 1.18 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जबकि आयात सिर्फ 28.8 लाख डॉलर था।
पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, यह निलंबन तब तक रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता। सिंधु जल पर पाकिस्तान की लगभग 70% कृषि निर्भर है।
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को भी रद्द कर दिया। सरकार ने 48 घंटे के भीतर वीजा धारकों को भारत छोड़ने का निर्देश जारी किया। यह निर्णय सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में लिया गया।
भारत ने 24 अप्रैल को पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को अवांछित घोषित करते हुए उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सभी सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया।
भारत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी करारा हमला बोला। 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया गया, जिनके 6.3 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर थे। साथ ही पाकिस्तान के सूचना मंत्री और रक्षा मंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट भी ब्लॉक कर दिए गए। कई पाकिस्तानी कलाकारों जैसे आतिफ असलम, फवाद खान, मावरा होकेन आदि के अकाउंट भी भारत में बंद कर दिए गए।
भारत ने पाकिस्तान के साथ डाक सेवा को पूरी तरह बंद कर दिया है। सभी हवाई और जमीनी मार्गों से पत्र और पार्सल भेजने पर रोक लगाई गई है। साथ ही पाकिस्तान के विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया गया है।
सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी आदिल अहमद थोकर के घर से शुरू हुई। पुलवामा, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में अन्य संदिग्धों के घर भी तोड़े गए।
भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया है। 30 अप्रैल की डेडलाइन के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने को कहा गया। 1 मई से भारत ने अपने बंदरगाहों पर पाकिस्तानी जहाजों की एंट्री पर भी रोक लगा दी है।
भारत ने पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायोग से राजनयिकों की संख्या घटाकर 30 कर दी है, और पाकिस्तान को भी नई दिल्ली में ऐसा ही करने को कहा गया है। यह कूटनीतिक कदम स्पष्ट करता है कि भारत अब न सिर्फ जवाब देगा, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करेगा।