मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, जिसकी बेनजीर खूबसूरती और सुकून के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे। लेकिन होशियार रहें इस शांति और सुकून की आड़ में चंद लोग जहर घोलने का काम कर रहे हैं। हमारी नौजवान पीढ़ी की रगों में जहर घोलने का सामान तैयार कर रहे हैं।
आपका हैरत में पड़ना जरूरी है क्योंकि जो इस शहर में हुआ वो दिलो दिमाग को सन्न करने वाला मामला है। भोपाल में तकरीबन दो हजार करोड़ की मेफेड्रोन यानि एम डी जब्त की गई है जो लाखों नौजवानों को नशे की गर्त में धकेलने के लिए काफी है। ये मेफेड्रिन कटारा हिल्स थाना इलाके के इंडस्ट्रियल एरिया बागरोदा पठार में एक प्राइवेट फैक्ट्री में तैयार की जा रही थी।
जिसे गुजरात की एटीएस और दिल्ली की एनसीबी ने छापामार कार्रवाई करके नशे के इस काले कारोबार का खुलासा किया है। क्या कुछ बरामद हुआ इस फैक्ट्री से आइए आपको इस पोस्ट में बताते हैं।
फैक्ट्री से 907 किलोग्राम मेफेड्रिन (एमडी) जप्त किया गया। जिसकी कीमत 1814.18 करोड़ रुपये है। एक किलो एमडी की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 5 करोड़ है। वहीं फैक्ट्री से 60 किलो तैयार एमडी बरामद हुई है।
दिल्ली एनसीबी ने इसकी कीमत 300 करोड़ आंकी है। आपको बता दें कि 840 लीटर लिक्विड मेफेड्रिन मिला है जिसकी कीमत 1260 करोड़ रूपये है।
बता दें कि एमडी तैयार करने में एसीट्रोन,साल्वेंट और ब्रोमीन का इस्तेमाल किया जाता था। वहीं इसको बनाने के लिए एटीएस और एनसीबी ने 4000 लीटर रॉ मटेरियल बरामद किया है जिसकी कीमत 300 करोड़ है। वहीं यह भी खबर मिली है कि एमडी बनाने के लिए इंदौर और उज्जैन से कच्चा माल फैक्ट्री तक लाया जाता था।
इस मामले में नासिक निवासी सान्याल प्रकाश बाने, भोपाल निवासी अमित चतुर्वेदी और मंदसौर के हरीश अंजना को गिरफ्तार किया गया है। फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने की कहानी भी बड़ी दिसचस्प है।
सान्याल बाने जो 2022 में एक किलो एमडी ड्रग्स के मामले में जेल से छूटा था। जिसपर एटीएस पिछले छह महीने से लगातार निगाह रखे हुए थी। भोपाल, इंदौर और उज्जैन के बीच वो लगातार आ-जा रहा था। साथ ही इंडस्ट्रियल एरिया में उसकी गतिविधि बढ़ रही थी। फैक्ट्री में वेंटिलेशन ग्राउंड लेवल से लगा हुआ था जो अमूमन कैमिकल फैक्ट्रियों में लगाया जाता है। इससे शक गहरा हुआ और एक महीने एटीएस की टीम ने भोपाल मे रहकर जांच की तो जो सच बाहर आया वो हिला देने वाला था।
एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री पर छापे की ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। आरोपियों से पूछताछ में और भी बहुत खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है। इस काले कारोबार के खुलासे के लिए पुलिस की जितनी पीठ थपथपाई जाए कम है। लेकिन, चिंता इस बात की भी है कि शांति का ये टापू अवैध कारोबार और नशे के कारोबारियों का जमघट बनता जा रहा है और किसी को कोई खबर नहीं।