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कोरोना वैक्सीन ZyCov-D का केंद्र सरकार ने 1 करोड़ डोज का दिया ऑर्डर, जानें बाकी वैक्सीन से कैसे है अलग

Corona vaccine ZyCov-D has been ordered by the central government for 1 crore doses; जायडस ने बनाई गई दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड कोरोना वैक्सीन। यह वैक्सीन 12 साल से ऊपर के उम्र वाले लोगों को लगाई जा सकती है।

By: RNI Hindi Desk 
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कोरोना वैक्सीन ZyCov-D का केंद्र सरकार ने 1 करोड़ डोज का दिया ऑर्डर, जानें बाकी वैक्सीन से कैसे है अलग

नई दिल्ली : सरकार ने जायडस हेल्थकेयर की तरफ से बनाई गई दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड कोरोना वैक्सीन ZyCov-D के 1 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया है। यह वैक्सीन 12 साल से ऊपर के उम्र वाले लोगों को लगाई जा सकती है। सरकार इसे 12-18 साल के बच्चों को लगाने के लिए खरीद रही है।

ZyCov-D तीन डोज वाली वैक्सीन है। सरकार इसके लिए 265 रुपये प्रति डोज के हिसाब से ऑर्डर दिया है। यानी 3 डोज की कीमत पड़ी 795 रुपये। नीडल-फ्री तकनीक के लिए 93 रुपये प्रति डोज अलग से लगेंगे। इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। इस तरह सरकार के लिए तीनों डोज के लिए कीमत 1,074 रुपये होगी।

अगर सरकारी सेंटर पर वैक्सीन लगवाते हैं तो यह मुफ्त में पड़ेगी। लेकिन प्राइवेट सेंटर पर इस वैक्सीन का पूरा कोर्स यानी 3 डोज 1500-2500 रुपये के बीच हो सकता है।

यह वैक्सीन 12 साल या इससे ऊपर के व्यक्ति को लगाई जा सकती है। इसका मतलब है कि इसे 12 साल से 18 साल तक के बच्चों को भी लगाया जा सकता है। यह बात इसे खास बनाती है क्योंकि फिलहाल देश में बच्चों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लग रही है। सरकार ने इसे 12 से 18 साल के बच्चों के लिए ही खरीदा है।

ZyCov-D के हर डोज के बीच कम से कम 28 दिन का अंतराल रहेगा। यानी पहला डोज लेने के 28वें दिन दूसरा डोज और 56वें दिन तीसरा डोज। इस हिसाब से भले ही इसके 3 डोज हो लेकिन इसका कोर्स कोविशील्ड से पहले ही पूरा हो जाएगा। दो डोज वाली कोविशील्ड के दोनों डोज के बीच का गैप फिलहाल 84 दिन है।

यह भारत ही नहीं, दुनिया की भी पहली डीएनए बेस्ड कोरोना वैक्सीन है। इसके अलावा इसका कोर्स 3 डोज का है जबकि ज्यादातर कोरोना वैक्सीन दो डोज वाली हैं। इसे लगाने के लिए सूई की भी जरूरत नहीं होगी।

जायडस कैडिला की यह कोरोना वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है। इसके जरिए जेनेटिकली इंजीनियर्ड प्लास्मिड्स को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। इससे शरीर में कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन होता है और इस तरह वायरस से बचाव वाले एंटीबॉडी पैदा होते हैं।

इसे एक खास डिवाइस के जरिए लगाया जाएगा। जायडस कैडिला का दावा है कि इस मेथड से वैक्सीन लगने की वजह से दर्द नहीं होगा। कंपनी का तो यहां तक दावा है कि इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी कम हैं।

फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल में ZyCov-D 66.6 प्रतिशत कारगर पाई गई है। ZyCov-D को भारतीय कंपनी जायडस कैडिला ने बनाया है। इसे मिशन कोविड सुरक्षा के तहत सरकार के बायोटेक्नॉलजी डिपार्टमेंट के साथ साझीदारी में विकसित किया गया है।

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