उत्तर प्रदेश में फलों के राजा आम की पैदावार करने वाले किसानों पर कोरोना संक्रमण से लॉक डाउन के साथ साथ मौसम की दोहरी मार पड़ी है। देश में लॉक डाउन के चलते आम बगवान के खरीददार नही मिले और दूसरे मौसम ने भी अपना कहर बरपाया है।
पिछले दिनों प्रदेश के कई हिस्सों में आये आंधी तूफान का सबसे अधिक असर फलों का राजा ‘आम’ पर किया है। आंधी-तूफान की वजह से इस बार आम का जायका बिगड़ सकता है।
आंधी-तूफान से करीब 35 से 40 प्रतिशत कच्चे आम गिर गये हैं। पके आम के लिए इस साल लोगों को तरसना पड़ सकता है।
राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद का आम देश विदेश में मशहूर है। आम के शुरुआती दिनों में तूफान और कोरोना ने ऐसी मार दी है कि आम लगाने वाले किसान परेशान है।
आम की बागवानी करने वाले सहेलिया गाँव के मोहम्मद आदिल का कहना है कि साल में एक फसल देने वाली आम के शुरुआती दिनों में तेज आंधी और ओलावृष्टि ने काफी नुकसान किया
जिसके बाद दवाई पड़ने के समय लॉक डाउन हो गया जिससे बाग के खरीददार नही मिले और तीसरे चौथे दिन लगातार आने वाली तेज आंधी से आम उत्पादक बहुत परेशान हैं क्योंकि लगभग बगीचों के 70 से 80 प्रतिशत आम पेड़ों से गिर गया है।
पेड़ से गिरे कच्चे आमों को बेचने के लिए मंडी में लाये किसानों का भी बुरा हाल नवीन मंडी में कच्चे आम लाये मो.अलीम का कहना है कि आम की फसल करने वाले का बुरा हाल है।
मंडी में 2 रुपये से 5 रुपये तक भी कोई लेने वाला नही है। कोरोना और लॉक डाउन के चलते मंडी में खरीददार मिल नही रहे जिससे समस्या बनी हुई है।
कोरोना और खराब मौसम के कारण, उत्पादन अब केवल 30-35 लाख मीट्रिक टन तक ही सीमित रहेगा। दशहरी आम का उत्पादन केवल 20-25 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद की जा रही है। जिससे आने वाले सीजन में दशहरी आम की कीमत 50 रुपये प्रति किलो से कम नहीं होगी।