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SC News: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ‘हर निजी संपत्ति को सार्वजनिक नहीं कहा जा सकता’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत सभी निजी संपत्तियों को सार्वजनिक हित में सामुदायिक संपत्ति की तरह नहीं देखा जा सकता।

By: Abhinav Tiwari 
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SC News: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ‘हर निजी संपत्ति को सार्वजनिक नहीं कहा जा सकता’

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक या सार्वजनिक संपत्ति नहीं माना जा सकता है। बता दें कि CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 9 जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया, जो कि देश के आर्थिक ढांचे और निजी क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करता है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत सभी निजी संपत्तियों को सार्वजनिक हित में सामुदायिक संपत्ति की तरह नहीं देखा जा सकता। यह अनुच्छेद समाज में समानता और न्याय के लिए संपत्ति के वितरण की बात करता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर निजी संपत्ति को जब्त कर लिया जाए।

पुरानी सोच को बदला

कोर्ट ने 1978 के बाद के उन पुराने फैसलों को पलट दिया, जो समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। उन फैसलों में कहा गया था कि सरकार सभी निजी संपत्तियों को आम भलाई के लिए अपने कब्जे में ले सकती है। कोर्ट ने आज के इस फैसले में साफ कर दिया है कि ऐसा करना हमेशा सही नहीं होगा और यह देश के वर्तमान आर्थिक ढांचे के लिए अनुकूल नहीं है।

निजी संपत्ति का महत्व

CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “आज के आर्थिक ढांचे में निजी क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। हर निजी संपत्ति को सार्वजनिक या सामुदायिक संपत्ति का दर्जा नहीं दिया जा सकता। किसी संपत्ति की स्थिति, उसकी सार्वजनिक हित में जरूरत, और उसकी कमी जैसे सवालों पर विचार करने के बाद ही उसे सामुदायिक संपत्ति माना जा सकता है।”

फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

यह फैसला निजी संपत्ति के अधिकारों को मजबूती प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सरकार केवल जनहित के नाम पर किसी भी निजी संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती। यह भारत के आर्थिक ढांचे में निजी क्षेत्र के महत्व को भी रेखांकित करता है, जिससे देश में निवेश और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

आगे का रास्ता

इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार को निजी संपत्ति का अधिग्रहण करने से पहले उसके सार्वजनिक हित में उपयोग को साबित करना होगा। यह कदम देश में आर्थिक स्थिरता और निजी संपत्ति के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

SC का यह फैसला उन लोगों के लिए भी राहत की खबर के रूप में देखा जा रहा है जो निजी संपत्ति रखते हैं और सरकार द्वारा उन्हें अपने जमीन के जब्ती को लेकर चिंता थी। ऐसे में इस आदेश के बाद अब हर मामला सार्वजनिक हित और जरूरत के आधार पर देखा जाएगा।

This post written by Shreyasi

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