भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत लद्दाख के मोल्डो में शुरू हो चुकी है। बैठक में भारत की ओर से पहली बार विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव इसके अलावा दो लेफ्टिनेंट जनरल, चार ब्रिगेडिर और आईटीबीपी के एक आईजी भी शामिल है। सेना से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
सीमा तनाव को लेकर दोनों देशों के बीच इससे पहले कमांडर स्तर पर पांच बार टेबल पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन लद्दाख में जारी तनाव कम करने का कोई सकारात्मक परिणाम अब तक नहीं निकल पाया है। सोमवार को एक बार फिर से दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विवाद कम करने को लेकर बातचीत जारी है।
माना जा रहा है कि छठे दौर की बातचीत में भारत तनाव वाले क्षेत्र से चीनी सैनिकों के पीछे हटने और एलएसी पर शंति बहाल करने पर जोर दे सकता है। वहीं पिछले दौर की बातचीत के बाद सीमा पर स्थिति ज्यादा तनावपूर्ण हो गई थी। चीनी सेना द्वारा 7 सितंबर को चुशूल की मुखपरी चोटी पर दोबारा कब्जे की कोशिश की थी जिसे भारतीय जबाबों ने विपल कर दिया था। हालंकि 45 साल में पहली गोलियां चलने की घटना भी सामने आई थी।
फायरिंग की घटना के बाद से एलएसी पर हालात तनावपूर्ण हो गए थे। इसी बीच दोनों देशों के विदेश मंत्री और गृह मंत्री के बीच मास्कों में बैठक हुई थी। लेकिन इन सब के बावजूद भी सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने की स्थिति में है।
तभी से सीमा पर चीनी सेना की गतिविधियां काफी ज्यादा बढ़ गई है। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीज डोभाल, चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) विपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे सीामा के हालातों पर करीब से नजर रखे हुए है।