रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरु हुई तो किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा चलने लगी। इसी बीच राज्यसभा में दो दिग्गज नेताओं का आमना-सामना हुआ। दोनो नेताओं को कांग्रेसी कहा जाय तो गलत नहीं होगा। इन दोनो दिग्गजों में एक दिग्विजय सिंह थे, तो दूसरे कांग्रेस के पूर्व सांसद और वर्तमान में भाजपा के टिकट से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया थे।
हुआ यूं कि बहस के बीच बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह का नाम आया तो राज्यसभा में ठहाके लगने लगे। सभापति से लेकर सभी पार्टियों के सांसद हंसते हुए नजर आये। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह का नाम लिया तो सदन में मौजूद सभी सांसद ठहाके लगाने लगे। इस पर सभापति ने कहा कि मैंने कुछ नया नहीं किया है, जो सूची में था मैंने उसी के हिसाब से नाम लिया है
पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में अपनी बात रखी। उन्होने कोरोना महामारी को लेकर अपने स्पीच में मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। इसी दौरान दिग्विजय और सिंधिया के बीच मजेदार संवाद हुआ है। उसके बाद सिंधिया का भाषण खत्म होते ही दिग्विजय सिंह का नंबर आया तो उन्होने सिंधिया को बधाई देते हुए कहा कि “मैं आपको बधाई देता हूं कि यूपीए सरकार के दौरान भी सदन में आप इतनी ही मजबूती के साथ पक्ष रखते थे। अब बीजेपी में भी उतनी मजबूती से रख रहे हैं। वाह जी महाराज वाह, हमारा आशीर्वाद आपके साथ बना रहेगा।“
दिग्विजय सिंह के बोलने के बाद सिंधिया ने उनके सामने हाथ जोड़ लिया और मुस्कुराते हुए कहा कि आपका ही आशीर्वाद है। बस इसी बात पर सदन में जमकर ठहाके लगे।
एक वक्त ऐसा था कि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए भी साथ नहीं रहे। दोनों नेताओं के बीच मतभेद होते ही रहते थे। इतना ही नहीं दोने नेताओं के बीच गुटबाजी शुरू से ही रही है।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की राजनीति में अपनी साख को लेकर दोनो नेताओं में जमकर वैचारिक मतभेद होते थे। इसका कारण केवल इतना ही है कि ये दोनो नेता राजा-महाराजा परिवार से आते हैं। दोनो नाताओं का अपना-अपना गढ़ है। जिसके चलते इन दोनो की आपस में कभी बनी नहीं।