रिपोर्ट: अनुष्का सिंह
देहरादून: सपने, जो हर कोई देखता है। लेकिन पूरे सिर्फ उनके होते हैं, जो सपने देखने के साथ-साथ उन्हे पाने के लिये महनत भी करते है और ऐसा ही आज एक सपना पूरा हुआ है उत्तराखंड सुमटी की प्रेमा रावत का जिन्होने अपने सपने के साथ जी तोड़ लगन और महनत के चलते उत्तराखंड रणजी टीम में अपनी जगह बना ली है। सोमवार को घोषित 20 सदस्यीय टीम में शामिल होने वाली प्रेमा रावत बागेश्वर जिले की पहली महिला क्रिकेटर हैं।
बता दे प्रेमा उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव सुमटी की रहने वाली हैं। प्रेमा का बचपन गांव में ही बीता है। उन्होंने गांव के प्राथमिक स्कूल से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई की। जिसके बाद उनका परिवार बरेली शिफ्ट हो गया। प्रेमा के पिता केदार सिंह रावत एयरफोर्स में तैनात हैं। और अभी उनके दो छोटे भाई हेमंत और विमल पढ़ाई कर रहे हैं। प्रेमा अपनी सफलता और क्रिकेट में जाने का श्रेय माता बसंती देवी और पिता को देती हैं। उन्का कहना है कि वे इन दिनों पुणे में है। एक क्रिकेटर के लिए राज्य और देश की टीम से खेलना सबसे बड़ा सपना होता है। फिलहाल राज्य की टीम में वह बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी छाप छोड़ना चाहती हैं। ताकि आगे जाकर देश की ओर से खेलने का सपना साकार हो सके।
साथ ही प्रेमा ने बताया कि प्रेमा ने बताया कि उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बड़ा शौक था। गांव में वह अपने भाइयों के खेलने पर उनके साथ जाकर क्रिकेट खेलने की जिद करती थी। जिसके चलते माता-पिता की अनुमती से बरेली जाने के बाद उन्होंने क्रिकेट का अभ्यास शुरू किया और खेल को बेहतर बनाने के लिए नवंबर 2020 में एकेडमी ज्वॉइन की, जहां कोच सुनील कुमार ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनके खेल को निखारने में मदद की।
आपको बता दे कि, प्रेमा की सफलता पर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सोनियाल, उपाध्यक्ष राम चंद्र पांडेय, महासचिव रमेश दानू, हरीश रावल, कमल बिष्ट आदि ने खुशी जताई है।