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62 फीसदी कोरोना मरीजों ने घर में रहकर हराया वायरस को, होम आइसोलेशन कारगर

By: RNI Hindi Desk 
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62 फीसदी कोरोना मरीजों ने घर में रहकर हराया वायरस को, होम आइसोलेशन कारगर

बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित यदि होम आईसोलेशन का विकल्प चुनने में हिचक रहे हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है। होम आईसोलेशन में ठहरे 62 फीसदी मरीजों ने वायरस से जंग जीतने में कामयाबी हासिल की है।

कोरोना वायरस की चपेट में करीब 21 हजार लोग आ चुके हैं। 13700 से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज होम आईसोलेशन में ठहरे थे।

7070 मरीजों ने घर पर जीती वायरस से जंग
अब तक करीब 11400 मरीजों ने होम आईसोलेशन के विकल्प को चुना। इनमें 7070 मरीजों ने वायरस को हराने में कामयाबी हासिल की है। अभी घरों में 4330 मरीज हैं। सीएमओ प्रवक्ता योगेश रघुवंशी के मुताबिक होम आईसोलेशन के लिए अलग से टीम बनी है। इसमें डॉक्टर भी शामिल है। जो समय-समय पर मरीजों की सेहत का हाल ले रहे हैं। होम आईसोलेशन से पहले मरीजों से जुड़ी जरूरी जानकारी जुटाई जाती है। मरीज की सेहत का आंकलन करने के बाद ही होम आईसोलेशन की मंजूरी दी जा रही है।

आईसोलेशन के 600 मरीज भेजे गए अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक होम आईसोलेशन का विकल्प चुनने के कुछ दिनों बाद मरीजों ने कंट्रोल रूम के सदस्यों को परेशानी बताई। जैसे बुखार न उतरना, सांस फूलना आदि। खासकर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, गुर्दा समेत दूसरी बीमारी से पीड़ितों को। ऐसे तकरीबन 600 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

होम आइसोलेशन कारगर
केजीएमयू पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक सभी कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। पुरानी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को भर्ती किया जाना चाहिए। बच्चे-बुजुर्ग या फिर कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए। बिना लक्षण वाले मरीज यदि अस्पताल में भर्ती किए जाएंगे तो मुश्किल बढ़ सकती है।

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