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UK News: श्रद्धालुओं के लिए 26 दिन बाद फिर खुले केदारनाथ धाम के कपाट

उत्तराखंड में अब मौसम पहले से बेहतर होने के बाद एक बार फिर केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।

By: Priya Tomar 
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UK News: श्रद्धालुओं के लिए 26 दिन बाद फिर खुले केदारनाथ धाम के कपाट

UK News: उत्तराखंड में अब मौसम पहले से बेहतर होने के बाद एक बार फिर केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।

अधिकारियों के अनुसार, केदारनाथ का पैदल मार्ग मौसम की खराबी के कारण तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से फिर से खोल दिया गया है।

मार्गों की आवाजाही हुई फिर से शुरु

जानकारी के मुताबिक मार्ग के माध्यम से घोड़ों और खच्चरों पर राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी फिर से शुरू कर दी गई है। मार्ग पर बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण हजारों लोग फंसे हुए थे।

उनके रेस्कयू के लिए प्रशासन को निजी हेलिकॉप्टरों के अलावा भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलीकॉप्टरों की मदद से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू करना पड़ा था।

बारिश के कारण मार्गो की आवाजाही हुई प्रभावित

दरअसल, बीते कुछ दिनों से उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई इसके साथ ही कई इलाकों में लैंडस्लाइड भी हुआ. 19 किलोमीटर का ये मार्ग 29 स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था और मलबे के कारण सड़कों पर आवाजाही बंद कर दी गई थी।

दरअसल, इससे पहले पैदल रास्ते को दुरुस्त कर श्रद्धालुओं के लिए आवाजाही फिर से शुरू कर दी गयी थी.इस कारण घोड़ों-खच्चरों की आवाजाही शुरू होने से अब अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे।

धामी की निगरानी में चला बचाव अभियान

दरअसल ,केदारनाथ में हुए हादसे के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी में सप्ताह भर बचाव अभियान चला। इसके दौरान तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों सहित 11,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया था।इसके लिए हेलीकॉप्टर चिनुक को भी लाया गया और पूरी तरह से लोगों का सफल रेस्क्यू किया गया और सफल अभियान के बाद चिनूक को वापस नई दिल्ली भेजा गया।

19 किलोमीटर तक का रास्ता हुआ प्रभावित

आपको बता दें कि आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि केदारनाथ में पैदल मार्गों की आवाजाही के बाद अब घोड़ों-खच्चरों के लिए भी पैदल रास्ता खुल चुका है। जानकारी के मुताबिक आपदा से केदारनाथ धाम तक जाने वाला 19 किलोमीटर लंबा पैदल रास्ता 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था।

इस दौरान मार्ग पर बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड हुई जिससे हजारों लोग फंस गए थे। जिला प्रशासन के निर्देशन से निगरानी में तेजी से काम होने के चलते अब पैदल मार्ग पर घोड़ों-खच्चरों की आवाजाही भी फिर से शुरू हो गई है।

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