रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: किसी भी प्रतियोगी परिक्षार्थी की पहली पसंद होती है, यूपीएसी की सिविल सेवा परिक्षा पास करना। किसी की तो उम्र भी निकल जाती है, लेकिन परिक्षा पास नहीं कर पाते। आज हम आपको एक ऐसे पिता-पुत्र की कहानी बताते हैं, जो एक ही राज्य में IAS अफसर हैं। पिता राज्य के मुख्य सचिव हैं,तो उनका बेटा उसी राज्य के एक जिले का जिला कलेक्टर है। इस बात की चर्चा पूरे प्रदेश में हैं।
सोमवार को मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद बैतूल और नीमच जिले के कलेक्टर बदले गए हैं। जहां प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे और आईएएस अफसर अमनवीर सिंह को बैतूल का नया कलेक्टर बनाया गया है। वहीं अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नीमच का कलेक्टर बनाया गया है।
अमनवीर सिंह ने आईआईटी रुड़की से टेक्निकल शिक्षा प्राप्त की है। उसके बाद उन्होने यूपीएसी टॉप कर बने IAS अफसर। अमनवीर सिंह पहली पोस्टिंग डबरा एसडीएम के पद पर हुई थी। जिसके बाद उनकी पोस्टिंग जिला पंचायत रायसेन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तौर पर हुई थी। वे ट्रेनिंग के बाद केंद्र सरकार के ही पंचायती राज मंत्रालय में भी सेवायें दे चुके हैं।
सतना में नगर निगम आयुक्त के साथ-साथ वे सीईओ स्मार्ट सिटी का भी दायित्व संभाल चुके हैं। अमनवीर की बैतूल में यह चौथा ट्रांसफ़र है। अमनवीर 2013 बैच के IAS अफसर हैं। बैतूल केलक्टर से पहले वो नगर निगम सतना में आयुक्त पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।
मध्य प्रदेश राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी IAS अफसर के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना है।
इकबाल सिंह बैंस की बात करें तो वह 1985 बैच के IAS अफसर हैं। मौजूदा समय में वह राज्य के मुख्य सचिव हैं। बैस की पहली पोस्टिंग 21 जनवरी 1993 को सीहोर में हुई थी, वे वहां 9 अगस्त 1993 तक अपनी सेवाएं दिय थे।
इकबाल सिंह सीएम शिवराज सिंह के सबसे भरोसेमंद अफसर और करीबी माने जाते हैं। यही कारण है कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद और शिवराज सिंह को चौहान मुख्यमंत्री की कमान संभालते ही कमल नाथ सरकार के मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी को हटाकर इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया था।