नई दिल्ली : मकर संक्रांति की सुबह के साथ ही एकबार फिर पूरा उत्तर भारत ठंड की प्रचंड चपेट में आ गया है, जिससे लोगों का जीना दुभर हो गया है। एक तरफ जहां इस गिरती ठंड ने लोगों को कंबल में दुबके रहने को मजबूर कर दिया हैं, तो वहीं जो लोग ड्यूटी के लिए अपने घरों से निकल चुके है। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या साफ रास्ता ना दिखने का है। गौरतलब है कि मौसम के तापमान में गिरावट के साथ ही धुंध और कोहरे की मोटी परतों ने लोगों के विजिबिलिटी को कम कर दिया है, जिससे उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण वे आज अपने गंतव्य को जानें के लिए घरों से पहले ही बार निकल रहे है। आपको बता दें कि सुबह के वक्त दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में तापमान में अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई।
पालम इलाके में सुबह 6.2 डिग्री और सफदरजंग में 2 डिग्री. तापमन दर्ज किया गया है। एक जनवरी के बाद यह पहली बार है जब दिल्ली में तापमान इतना नीचे गया है। आपको बता दें कि 1 जनवरी 2021 को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग की माने अगले दो से तीन दिन तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। वहीं, तापमान में गिरावट भी आ सकती है।
अगर हम पूरे उत्तर भारत की बात करें तो सबसे बुरा हाल जम्मू कश्मीर का है जहां सर्दी ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पहलगाम में माइनस 12 डिग्री और गुलमर्ग में माइनस 10 डिग्री दर्ज किया गया। बता दें कि श्रीनगर में भी बुधवार को न्यूयतम तापमान माइनस 7.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ जो पिछले 9 सालों में सबसे कम है।
श्रीनगर में तो डल झील भी पूरी तरह से ठंड की वजह से जम चुकी है। श्रीनगर एयरपोर्ट पर इंडिगो की एक फ्लाइट कल टेक ऑफ से पहले जमा हुए कई फीट ऊंचे बर्फ के टीले के बेहद करीब पहुंच गई। विमान का इंजन बर्फ की ढेर से जा सटा। हालांकि विमान और यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस बीच जम्मू-कश्मीर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रशासन को शहर के रास्तों से जल्द बर्फ हटाने और प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि पहाड़ों पर बर्फबारी की वजह से उत्तर के मैदानी राज्यों में भी तापमान में भारी गिरावट आई है। इसे लेकर जहां राज्य सरकारों ने विभिन्न क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था की हैं तो वहीं उन्होंने कई कंबल भी बांटें।