नई दिल्ली: टीम इंडिया के लिए टी-20 विश्वकप में सेमीफाइनल की राह भी बहुत मुश्किल हो गई है। भारतीय टीम की शुरुआत प्रदर्शन काफी खराब रही। टीम को पहले ही मैच में अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के हाथों 10 विकेट से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी। विश्वकप शुरू होने से पहले टीम इंडिया को प्रवल दावेदारों में से एक माना जा रहा था, लेकिन अब सेमीफाइनल की राह भी बहुत मुश्किल हो गई है।
टीम इंडिया को अब सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए अपने सारे मुकाबले जीतने होंगे। हालांकि न्यूजीलैंड के बाद टीम इंडिया के बाकी तीन मुकाबले स्कॉटलैंड, नामीबिया और अफगानिस्तान जैसी टीमों से हैं। स्कॉटलैंड, और नामीबिया को हराने में बेशक इंडियन टीम को ज्यादा परेशानी न हो, लेकिन अफगानिस्तान से मैच बराबरी का रह सकता है। दरअसल अफगानिस्तान टीम की स्पिन बॉलिंग बहुत अच्छी है। राशिद खान और मुजीब-उर रहमान भारतीय बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। अगर टीम न्यूजीलैंड से हारती है और न्यूजीलैंड अपने सारे मैच जीत लेती है तो भारत के लिए बहुत मुश्किल होगा।
न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्वकप में नहीं रहा है अच्छा प्रदर्शन
भारत का अगला मैच कल न्यूजीलैंड से है। इसे जीतना टीम के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा। दरअसल विश्वकप में टीम इंडिया का प्रदर्शन न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा नहीं रहा है. 2003 विश्वकप के बाद से अभी तक दोनों ही टीमों के बीच जितने भी मुकाबले खेले गए हैं उनमें भारत को हार ही मिली है। टी-20 विश्वकप की बात करें तो साल 2007 और साल 2016 टी-20 विश्वकप को मिलाकर दोनों टीमें दो बार भिड़ी हैं और दोनों ही मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीम पर मैच से पहले इसका भी दबाव होगा।
टीम इंडिया के पिछले दो साल के अच्छे प्रदर्शन में गेंदबाजों ने अहम भूमिका निभाई है, खासकर तेज गेंदबाजों ने. मौजूदा समय में टीम की बॉलिंग में वो धार नजर नहीं आ रही है। पहले मैच में भारतीय बॉलर एक भी बल्लेबाज को आउट नहीं कर पाए। मोहम्मद शमी व भुवनेश्वर कुमार संघर्ष करते दिखे। तो वहीं, दूसरी ओर स्पिन गेंदबाजी की बात करें तो अभी तक टीम इंडिया स्पिन को लेकर क्या कॉम्बिनेशन रखना है, वही तय नहीं कर पा रही है। पिछले मैच में अश्विन जैसे अनुभवी गेंदबाज को बैठाकर वरुण चक्रवर्ती को खिलाया गया, जो गलत फैसला साबित हुआ। अश्विन के अलावा तीसरे स्पिनर राहुल चाहर हैं, उनके पास अनुभव की कमी है। ऐसे में तेज गेंदबाजी के अलावा स्पिन में भी भारत की टीम उतनी मजबूत नजर नहीं आ रही है।