उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त कर, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने राज्य में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और सरकार को नापसंद लोगों पर निशाना साधने का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपको हमसे नहीं, बल्कि राष्ट्रपति से मांग करनी चाहिए। याचिका में राज्य सरकार को बर्खास्त करने को लेकर निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में याचिकाकर्ता विक्रम गहलोत ने राज्य में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के ज़रिए सरकार को नापसंद लोगों पर निशाना साधने का आरोप लगाया था। याचिका में रिटायर्ड नौसेना अधिकारी मदन लाल शर्मा की पिटाई और अभिनेत्री कंगना रानाउत के दफ्तर का एक बड़ा हिस्सा तोड़े जाने जैसी घटनाओं का हवाला दिया गया था।
याचिका में यह भी कहा गया है था कि अगर राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं भी लगाया जाता है तो कम से कम मुंबई और आस-पास की कानून व्यवस्था कुछ दिनों तक सेना के हवाले कर देनी चाहिए