विजय दिवस के अवसर पर, जो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है, जो हम भारतीयों के लिए एक गौरव का विषय है। इस विजय को संभव बनाने वाले वीर सैनिकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी।
इसी के साथ कोलकाता के फोर्ट विलियम में भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में आयोजित समारोह में सेना, नौसेना और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने विजय स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि समारोह में बांग्लादेश के सैनिकों ने भी हिस्सा लिया।
सोशल मीडिया पर अपने संदेश में राष्ट्रपति मुर्मू ने लिखा, “विजय दिवस पर, मैं उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान बेजोड़ साहस का परिचय दिया और भारत को जीत दिलाई। राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करता है और उनकी कहानियाँ हर भारतीय को प्रेरित करती हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भी आभार व्यक्त करते हुए कहा, “इस विजय दिवस पर हम 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान देने वाले सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं। उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की। उनकी बहादुरी और बलिदान हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगी।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सोशल मीडिया एक्स पर अपना संदेश साझा करते हुए कहा, “विजय दिवस के इस विशेष अवसर पर, राष्ट्र हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करता है। उनके साहस और देशभक्ति ने हमारे देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। भारत उनकी सेवा और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।”
भारतीय वायुसेना ने भी युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। एक पोस्ट में, IAF ने इस बात पर प्रकाश डाला कि युद्ध 16 दिसंबर, 1971 को समाप्त हुआ था, जब पाकिस्तानी जनरल एएके नियाज़ी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था। इस जीत ने एक स्वतंत्र बांग्लादेश को जन्म दिया।
IAF ने इस समन्वित सैन्य प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, पश्चिमी क्षेत्र में 2400 से अधिक मिशन और पूर्वी क्षेत्र में 2000 से अधिक उड़ानें संचालित कीं। इन अभियानों ने हवाई श्रेष्ठता स्थापित करने में मदद की, जिससे दुश्मन की प्रभावी रूप से जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता सीमित हो गई।
1971 का युद्ध भारतीय सैन्य इतिहास में मील का पत्थर बना ,जिसमें वायुसेना की सटीकता, ताकत और क्षमता का प्रदर्शन किया गया। यह जीत आधुनिक युद्ध में हवाई प्रभुत्व के महत्व का प्रमाण है।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav