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प्रधानमंत्री जनधन खाता योजना की सार्थकता

By: RNI Hindi Desk 
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प्रधानमंत्री जनधन खाता योजना कितनी सार्थक और हो सकती है ये तो वक्त ही बतायेगा मगर बीते 6 सालों में ये योजना कितनी रंग लाई है…कितने चेहरों पर मुस्कान लाई है। वो हम आपको बताने जा रहे हैं। जी हां, गरीबों के लिए गेमचेंजर साबित हुई ये योजना काफी सराही जा रही है। जन-धन योजना के अंतर्गत समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को भी जीरो बैलेंस पर बैंक खाता खुलवाया जाना मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। अगर सारी सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों के खातों में ट्रांसफर हो रहा है तो ये जन-धन खाते की वजह से ही संभव हो पाया..खैर…उपलब्धियों की तो बात होगी ही इस योजना को लेकर। साथ ही बात होगी प्रधानमंत्री जनधन योजना ने 6 बरसों में कैसे जन-जन को छू लिया। तो आप जानते ही होंगे कि साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना को लॉन्च किया…योजना का मकसद विशाल तो था ही साथ ही मुख्य उद्देश्य था जनता-जनार्दन को सीधे बैंक खातों से जोड़़ना। लोगों के बैंक खाते खुलवाने के साथ तमाम सरकारी योजनाएं आम लोगों तक पहुंचने में कारगर साबित हुईं। आज जब इस योजना के 6 साल पूरे हुए तो खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर लोगों को शुभकामनाएं दी।

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘आज से 6 साल पहले प्रधानमंत्री जनधन योजना को लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना था, ये एक गेमचेंजर साबित हुआ, जिसने गरीबी में फंसे लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया’


पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना के चलते करोड़ों परिवारों का भविष्य सुरक्षित हुआ है, इसमें अधिकतर लोग ग्रामीण इलाकों के हैं और महिलाएं हैं, जिन्होंने इस योजना के लिए काम किया है, मैं उनको धन्यवाद करता हूं’। यही नहीं  पीएम मोदी ने इस योजना को लेकर कुछ तथ्य भी सभी के सामने रखे। मसलन…इसमें जीरो बैलेंस के जरिए लोगों के अकाउंट्स खोले जा सकते हैं। हालांकि उनका इशारा था ये बताना कि जनधन योजना कैसे लोगों के लिए ‘गेमचेंजर’ साबित हुई। तो चलिये जानते हैं। दरअसल अगस्त 2020 तक इस योजना के तहत 40.35 करोड़ बैंक अकाउंट्स खोले जा चुके हैं। जिनमें कुल बैंक खातों में 55. 2 प्रतिश अकाउंट्स महिलाओं के नाम हैं। यही नहीं जनधन योजना के तहत खुले बैंक अकाउंट्स में से 64 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों के अकाउंट्स हैं, और बाकी के 36 फीसदी शहरों में। वैसे इस योजना के तहत 2 लाख का दुर्घटना बीमा आपको मिलता है, जो आपके लिए बिल्कुल मुफ्त है। इसी के साथ जनधन खातों में अब डेबिट कार्ड मिलने की सुविधा भी रखी गई है।

और वैसे आपको कोरोनाकाल तो याद होगा ही। वो काल, जब लॉकडाउन था, कोई किसी से मिल-जुल नहीं रहा था, सब बंद था, यहां तक कि लोगों का काम-काज भी। ऐसे वक्त में भी कोई था जो पीएम की तरफ से देश की आम जनता को मदद पहुंचा रहा था। उनमें से एक थी ये योजना। जिसमें पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सरकार ने , अप्रैल-जून 2020 के दौरान महिलाओं के जनधन खातों में 30,705 करोड़ रुपये जमा कराए। वक्त तो भूले नहीं हैं ना आप ये वही समय था जब कोरोना संकट के दौरान जन धन योजना के तहत 8 करोड़ की रकम लोगों को मोदी सरकार की इस स्कीम के तहत ही वितरित की गई थी। कहना गलत नहीं होगा कि जब लाइन में लगकर लोग इस योजना के तहत अपने खाते खुलवा रहे थे, तब की थकान और हरारत आज इस योजना के लाभ के जरिये जरूर दूर तो होती ही होगी साथ ही जरूरतमंद इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

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