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पीएम मोदी की किसानों को बड़ी सौगात, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च की फसलों की 35 किस्में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किसानों को बड़ी सौगात दी है, जिससे वे जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ अपनी खेती और फसल में इजाफा कर सकें। गौरतलब है कि अक्सर जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को अपनी फसल की उपज में बड़ा नुकसान होता है। इसे लेकर खेती-किसानी की टेक्नोलॉजी (climate friendly technologies) भी बदलने की जरूरत है।

By: Amit ranjan 
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पीएम मोदी की किसानों को बड़ी सौगात, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च की फसलों की 35 किस्में

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किसानों को बड़ी सौगात दी है, जिससे वे जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ अपनी खेती और फसल में इजाफा कर सकें। गौरतलब है कि अक्सर जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को अपनी फसल की उपज में बड़ा नुकसान होता है। इसे लेकर खेती-किसानी की टेक्नोलॉजी (climate friendly technologies) भी बदलने की जरूरत है।

आपको बता दें कि अपनी इसी नीति के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम आईसीएआर संस्थानों, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में आयोजित एक अखिल भारतीय कार्यक्रम में विशेष गुणों वाली 35 फसलों की किस्में राष्ट्र को समर्पित कीं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान रायपुर का नवनिर्मित परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।

 

पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे यहां उत्तर भारत में घाघ और बटुरी की कृषि संबंधी कहावतें बहुत लोकप्रिय रही हैं। घाघ ने आज से कई शताब्दि पहले कहा था- जेते गहिरा जोतै खेत, परे बीज फल तेतै देत। यानि खेत की जुताई जितनी गहरी की जाती है, बीज बोने पर उपज भी उतनी ही अधिक होती है। उन्होंने कहा कि आज 35 और नई फसलों की वैरायटी देश के किसानों के चरणों में समर्पित की जा रही हैं। ये बीज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खेती की सुरक्षा करने और कुपोषण मुक्त भारत के अभियान में बहुत सहायक होने वाला हमारे वैज्ञानिकों की खोज का परिणाम है। हाल के वर्षों में अलग-अलग फसलों की 1300 से अधिक बीज की विविधताएं तैयार की गई हैं, इसी श्रृंखला में आज 35 और फसल किस्मों को किसानों के चरणों में समर्पित कर रहे हैं।

छोटे किसानों की जिंदगी में बदलाव

बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है। छोटे-छोटे किसानों की जिंदगी में बदलाव की आशा का साथ ये सौगात में आज कोटि-कोटि किसानों के चरणों में समर्पित कर रहा हूं।

MSP में बढ़ोत्तरी के साथ खरीद प्रक्रिया में सुधार

मोदी ने कहा कि, MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है। इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है।

खेती-किसानी को संरक्षण

पीएम ने कहा कि, खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है, तो उसका और तेजी से विकास होता है। किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए, हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया।

नई वैरायटीज के बीज

मोदी ने कहा कि, फसलों को रोगों से बचाने के लिए, ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए गए। कुछ जल्दी तैयार हो जाने वाली है, कुछ खारे पानी में भी हो सकती है। यानि देश की अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया गया है। नई फसलों की वैरायटी मौसम की कई तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम तो है ही, इनमें पौष्टिक तत्व भी ज्यादा है। इनमें से कुछ वैरायटी कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए औ कुछ फसल गंभीर रोगों से सुरक्षित है। पिछले वर्ष ही कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था। भारत ने बहुत प्रयास करके तब इस हमले को रोका था, किसानों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया था।

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