राज्यसभा से शनिवार को महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 को मजंूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 को राज्यसभा में पेश किया। संसद में चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी मिल गई।
देश में कोरोना महामारी के चलते अप्रैल में स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए हमलों को देखते हुए इस बिल को पेश किया गया। इस बिल के पेश होने के बाद अब सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमलों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने बिल पर चर्चा के दौरान उच्च सदन में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान डाॅक्टरों और पैरामेडिकल स्टाॅफ समेत स्वास्थ्यकर्मियों को अपमानित किया गया। जिसके बाद केंद्र सरकार को लगा कि इस संबंध में एक कानून बनाने की जरूरत है।
बता दें कि अप्रैल महीने में कोरोना महामारी के चलते सुरक्षाकर्मियों के साथ अलग-अलग स्थानों से मारपीट की घटनाएं सामने आई थी। जिसमें कोरोना वाॅरियर्स पर पथराव मारपीट जैसी घटनाएं घाटित हुई थी।
वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने विधेयक का समर्थन करते हुए संसद में कहा कि बिल पास कर देने से हमारी जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती है। स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट दिया जाना चाहिए साथ ही काम के घंटों के हिसाब से समय पर वेतन मिलना चाहिए। इतना ही नहीं सफाईकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
वहीं विधेयक पर चर्चा के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि महीनों से स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन नहीं मिला है। नर्स और डाॅक्टर हड़ताल पर है। ताली, थाली और फूलों की बारिश प्रतीकात्मक है लेकिन अन्य उपायों की भी जरूरत है।