रिपोर्ट: सत्यम दुबे
शहडोल: देश में कोरोना का कहर इतना भयावह हो गया है कि अब इसकी चर्चा करने से ही रुह कांप जा रही है। अस्पतालों से ज्यादा अब लोगो की भीड़ श्यमशान घाटों पर दिखने लगी है। आम नागरिक से लेकर खास नागरिक तक इसकी चपेट में आकर दम तोड़ रहें हैं। संक्रमण का इतना तेजी से विस्फोट हुआ है कि सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं। इसका जीता जागता उदाहरण सामने आया मध्य प्रदेश के शहडोल जिसे से जहां जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण पिछले 24 घंटे में 12 मरीजों दम तोड़ दिया। मामले की पुष्टि मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने की है।
आपको बता दें कि मामला शनिवार रात 12 बजे के आसपास की बताई जा रही है, जब एकाएक कोरोना मरीज अचानक तड़पने लगे। मरीजों की स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में अफरा-तफरी मच गई। डॉक्टरों ने देखा तो पता चला कि ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेशर कम था। इसके बाद परिजन और अस्पताल स्टाफ सिलेंडरों की व्यवस्था करने में जुट गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वहीं कई मरीजों की हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है, जिसके चलते कोरोना मरीज दम तोड़ रहे हैं। जब रात में मरीज तड़पने लगे तो मेडिकल स्टाफ को कई मरीजों को ऑक्सीजन मास्क हाथ से दबाना पड़ा। उनको दबान से थोड़ा सुकून लगा रहा था। लेकिन ऐसा कब तक किया जा सकता है। यहां ऑक्सीजन की किल्लत है। अब सिर्फ अति गंभीर मरीजों को ही ऑक्सीजन दी जा रही है।
ऑक्सीजन की कमी से 6 मौतों की पुष्टि मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने की थी। लेकिन मौके पर जब शहडोल कलेक्टर अर्पित वर्मा पहुंचे तो कुछ देर बाद उन्होंने 12 मौतें होने की जानकारी दी। ऐसी ही एक घटना तीन दिन पहले जबलपुर से सामने आई थी, जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण 5 मरीजों ने दम तोड़ दिया था। इसके साथ ही ऑक्सीजन की कमी के कारण राजधानी भोपाल में भी मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं।
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा स्थिति शहडोल की खराब है। एक तरफ जहां ऑक्सीजन की कमी से 12 मरीजों की मौत हो गई, वहीं पहले मेडिकल कॉलेज में 10 और कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। इस तरह एक दिन में 24 घंटे के दौरान शनिवार को 22 मरीजों ने दम तोड़ दिया।