नई दिल्ली : शेयर बाजार में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने कुछ दिनों पहले तक जिन निवेशकों को मालामाल किया था, उन्हें अब बड़ा झटका लगा है। दरअसल, आईआरसीटीसी का स्टॉक प्राइस रिकॉर्ड हाई लेवल से 50 फीसदी तक टूट चुका है। इस वजह से निवेशकों को सिर्फ दो दिन में 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन के शेयर में लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को शुरुआती कारोबार में ही बीएसई पर आईआरसीटीसी का शेयर 19 फीसदी तक टूट गया। कारोबार के दौरान 18.49 फीसदी गिरकर 4371.25 रुपये के निचले स्तर पर आ गया। बता दें कि मंगलवार को भी आईआरसीटीसी के शेयर में 15 फीसदी तक गिरावट आई थी। शेयर में कमजोरी से निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है। दो दिनों में उनकी दौलत 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई है।
आईआरसीटीसी बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज एनएसई के फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) प्रतिबंध सूची का हिस्सा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मुताबिक, स्टॉक को F&O सेगमेंट के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि यह मार्केट-वाइड पोजिशन लिमिट के 95 फीसदी को पार कर गया है।
क्यों आई शेयर में गिरावट
RITES ने रेलवे में रेग्युलेटर नियुक्त करने की रिपोर्ट दी है। RITES की रिपोर्ट के बाद अब कैबिनेट नोट बनेगा। प्राइवेट ट्रेनों के लिए रेग्युलेटर की सिफारिश की गई है। पैसेंजर ट्रेन भी रेग्युलेटर के दायरे में आएंगे। इस खबर के बाद से आईआरसीटीसी के शेयर में गिरावट का सिलसिला जारी है।
दो दिनों में शेयर 2000 अंकों से ज्यादा टूटा
दो दिनों में आईआरसीटीसी का शेयर 2000 अंकों से ज्यादा टूट गया है। मंगलवार को शेयर 6393 रुपये के ऑलटाइम हाई पर पहुंच था। वहीं आज यह 4371.25 रुपये के निचले स्तर पर आ गया। इस तरह, दो दिनों में शेयर 2022 अंक टूटा। शेयर में अचानक आई बड़ी गिरावट से निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है। कारोबार के दौरान निवेशकों की दौलत 30,386 रुपये घट गई।
IRCTC का शेयर 14 अक्टूबर 2019 को शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। उस समय इसका इश्यू प्राइस 320 रुपए था। इश्यू प्राइस के मुकाबले यह शेयर करीब 18 गुना उछल चुका है। इस लिहाज से पिछले दो सालों में यह शेयर करीब 1800 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। शेयर पिछले एक सप्ताह में 30 फीसदी, एक महीने में 62 फीसदी, तीन महीने में 160 फीसदी, इस साल अब तक 335 फीसदी और पिछले एक साल में 370 फीसदी का उछाला है।
सरकार के पास करीब 68 फीसदी हिस्सेदारी
इस कंपनी में सरकार के पास 67.40 फीसदी हिस्सेदारी है। विदेशी निवेशकों के पास 7.81 फीसदी, घरेलू निवेशकों के पास 8.48 फीसदी और पब्लिक के पास 16.32 फीसदी हिस्सेदारी है। सितंबर तिमाही में प्रमोटर यानी सरकार की हिस्सेदारी स्थिर रही।