वैश्विक सहकारी आंदोलन के लिए एक ऐतिहासिक समय में, भारत संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता साल 2025 के शुभारंभ की मेजबानी करेगा। यह कार्यक्रम 25 से 30 नवंबर तक नई दिल्ली में भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) में आयोजित किया जाएगा, जो विश्व के मंच पर भारत की भूमिका में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन यानि (ICA) के 130 साल के इतिहास में पहली बार, ICA महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाएगा, जो भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (IFFCO) की पहल है। कार्यक्रम में वैश्विक नेताओं, विशेषज्ञों और सहकारी समितियों को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका पर चर्चा करने के लिए तैयार किया गया है।
उद्घाटन में भारत के गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे, जो उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वे अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे। उनके साथ ही भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और फिजी के उप प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अतिथि भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने इस वैश्विक सम्मेलन पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस साल का विषय, “सहयोग के माध्यम से सभी के लिए समृद्धि का निर्माण” है। अवस्थी ने कहा कि यह आयोजन भारत की सहकारी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का एक अवसर होगा।
सम्मेलन में दुनिया भर के सहकारी मॉडल को बढ़ाने पर केंद्रित कई सत्र होंगे। मुख्य विषयों में सक्षम नीति और तंत्र का निर्माण, समावेशी समृद्धि को बढ़ावा देना है। सम्मेलन का विषय सीधे तौर पर भारत के अपने राष्ट्रीय नारे, “सहकार से समृद्धि” पर आधारित है, जो आर्थिक विकास और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगा।
1895 में स्थापित, अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है जो दुनिया भर में सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह सहकारी व्यापार मॉडल को बढ़ावा देने और उसका समर्थन करने के लिए काम करता है, आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका भी है।
This Post is written by shreyashi Gupta