1. हिन्दी समाचार
  2. Breaking News
  3. सुख दुःख भोगना सब कर्मों से होता है : सिर्फ आत्मा का अस्तित्व है

सुख दुःख भोगना सब कर्मों से होता है : सिर्फ आत्मा का अस्तित्व है

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
सुख दुःख भोगना सब कर्मों से होता है : सिर्फ आत्मा का अस्तित्व है

{ श्री अचल सागर जी महाराज की कलम से }

मानव , दानव, पशु पक्षी या कोई भी जीव आत्मा हो वो जिस शरीर में प्रवेश करती हैं उस योनि में वो अपने पिछले जन्म का फल भोगने आती है।

मनुष्य के कर्मों का लेखा जोखा तो उसके भाग्य के साथ ही लिख दिया जाता है। शरीर रूप में आकर तो उसे बस अधूरे कामों को पूरा करना होता है।

मनुष्य जीवन का चक्र ही यही है कि इस जन्म में अपने प्रारब्ध के फल भोगकर वो मृत्यु को प्राप्त होता है और अगले जन्म की और प्रस्थान कर जाता है।

डॉक्टरों पर हमले करेंगे तो आपको कौन बचाएगा ? 2
{ श्री अचल सागर जी महाराज }

मानव जीवन भर अपने अस्तित्व को ढूढ़ने की कोशिश करता रहता है। उसे लगता है की वो ही है जो सब कुछ कर रहा है।

लेकिन ये सिर्फ इंसान का भ्रम होता है। दरअसल हम सबका नहीं बल्कि आत्मा का अस्तित्व होता है जो खुद ईश्वर का रूप होती है।

इसलिए ज्ञानी व्यक्ति अपनी आत्मा को सत्य मानकर उसकी खोज करता है। इस ब्रह्माण्ड का स्वामी तो वो ईश्वर है जो सर्व शक्तिमान है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...