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आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री का पद छोड़ना चाहती हैं गीता गोपीनाथ, जानें क्या है आगे का प्लान

Geeta Gopinath wants to step down as Chief Economist of IMF; गीता गोपीनाथ अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से मुख्य अर्थशास्त्री के पद को छोड़ना चाहती है। आईएमएफ के मैनेजिंग डायरेक्‍टर क्रिस्‍टैलिना जियोर्जिवा ने बताया।

By: RNI Hindi Desk 
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आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री का पद छोड़ना चाहती हैं गीता गोपीनाथ, जानें क्या है आगे का प्लान

नई दिल्ली: अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से मुख्य अर्थशास्त्री के पद को गीता गोपीनाथ छोड़ना चाहती है। यह जानकारी आईएमएफ के मैनेजिंग डायरेक्‍टर क्रिस्‍टैलिना जियोर्जिवा ने बुधवार को दी। उन्होनें बताया कि  गोपीनाथ जनवरी में IMF छोड़ना चाहती हैं और वापस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इकॉनोमिक्‍स डिपार्टमेंट में लौटना चाहती हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अपवाद के आधार पर गीता गोपीनाथ की अनुपस्थिति से जुड़ी छुट्टियां एक साल के लिए बढ़ा दी थी। इस कारण वह IMF में तीन साल तक चीफ इकॉनोमिस्‍ट के पद से जुड़ी रहीं।

आईएमएफ से गीता गोपीनाथ के सेवानिवृत्‍त होने की मंशा की घोषणा करते हुए जियोर्जिवा ने कहा, ‘गीता गोपीनाथ का आईएमएफ में योगदान और उनकी सदस्‍यता हमारे लिए वास्‍तव में महत्‍वपूर्ण रही है और उनका काम सराहनीय रहा है। आईएमएफ की पहली चीफ इकॉनोमिस्‍ट बनकर उन्‍होंने इतिहास रचा और हमें उनकी बुद्धिमता और अंतरराष्‍ट्रीय फाइनेंस तथा मैक्रोइकॉनोमिक्‍स के गहरे ज्ञान से काफी मदद मिली।’

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने बयान में कहा है कि गीता गोपीनाथ ने कई महत्‍वपूर्ण पहल की। उन्‍होंने ‘पैंडेमिक पेपर’ में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान किया जिसमें उल्‍लेख है कि कोरोना महामारी को कैसे समाप्‍त किया जा सकता है और इसी के आधार पर विश्‍व भर में वैक्‍सीनेशन का लक्ष्‍य तय किया गया। इसके आधार पर आईएमएफ, वर्ल्‍ड बैंक, डब्‍ल्‍यूटीओ और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संकठन के नेतृत्‍व में मल्‍टीलैटरल टास्‍क फोर्स तैयार किया गया। इस टास्‍क फोर्स का उद्देश्‍य महामारी का अंत और वैक्‍सीन निर्माताओं के साथ एक ऐसे कार्यकारी समूह का गठन करना था जो कारोबारी तथा आपूर्ति में आने वाली बाधाओं की पहचान करे और निम्‍न तथ निम्‍न-मध्‍यम आय वाले देशों में वैक्‍सीन की डिलिवरी में तेजी लाए।

गीता गोपीनाथ के रिसर्च पेपर्स कई मूर्धन्‍य इकॉनोमिक्‍स जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुके हैं। IMF के Chief Economist बनने से पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्‍त्र विभाग में International Studies and Economics की प्रोफेसर थीं।

जानिए कौन हें गीता गोपीनाथ

गीता गोपीनाथ का जन्‍म भारत में 1971 में मलियाली परिवार में हुआ था। उन्‍होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की पढ़ाई की। उन्‍होंने 1992 में यहां से ऑनर्स किया और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढाई पूरी की। इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की।

वर्ष 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं, जिसके बाद उन्‍होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्‍वाइन किया। अगले पांच वर्षों में यानी 2010 में वह इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं। व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर उन्‍होंने लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं। बत दें कि गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के इस पद तक पहुंचने वाली वह दूसरी भारतीय हैं। इससे पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इस पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं।

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