ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पूर्व एमएलए वारिस पठान का बीते गुरूवार को एक विवादित भाषण सामने आया है जिसमें वो, मोदी शाह के साथ साथ हिंदुओं के खिलाफ भी भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मुसलमानों की संख्या अभी 15 करोड़ है, लेकिन ये 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी है, अगर ये 15 करोड़ साथ में आ गए, तो सोच लो उन 100 करोड़ का क्या होगा? इसपर जब उनसे माफी मांगने के लिए कहा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
इस विवादित भाषण के बाद सियासी घमासान जारी है। विपक्ष नेताओं ने कड़े शब्दों में इस भाषण की निंदा की। तो वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुखंयमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एआईएमआईएम नेता वारिस पठान के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि, जिस प्रकार का वक्तव्य दिया है हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्हें ये ध्यान में रखना चाहिए कि सौ करोड़ से भी ज्यादा हिंदू इस देश में रहते हैं इसलिए देश में अल्पसंख्यंक सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।
मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यक इस तरह की बदज़ुबानी नहीं कर सकते। हिंदू समाज सहिष्णु है सबको साथ लेकर चलता है लेकिन हिंदू समाज की सहिष्णुता को उसकी कमजोरी न माने। उन्हें हिंदुओं और पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए।
बीते शुक्रवार को कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने वारिस पठान पर निशाना साधते हुए कहा कि, जिन्ना इस तरह से ही बातें करते थे, जिस तरह से वारिस पठान कर रहे है। साथ ही उन्होंने कहा कि, इस देश में जिन्ना अभी पैदा नहीं होगा। जिन्ना को ना हिन्दू मानेगा, ना मुस्लमान मानेगा।
बता दें कि, कर्नाटक के गुलबर्ग में 15 फरवरी को एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ओवैसी को शेर और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को शेरनियां बताया। भीड़ को भड़काते हुए वारिस ने कहा कि, हिंदुओं को हिलाना है न, मोदी-अमित साह की तख्त को गिराना है न? तो आवाज ऐसी बनानी है कि आवाज यहां से निकले और सीधे जाकर दिल्ली के अंदर गिरे।
हिंदुओं के खिलाफ दिए गए भड़काऊं भाषण पर जब मांफी मांगने के लिए कहा गया तो, पठान ने कहा कि, उन्होंने जो भी कहा वह संविधान के दायरे में रहकर कहा। जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वह कानून के खिलाफ कर रहे हैं जबकि बीजेपी हम लोगों को 130 करोड़ लोगों से अलग करने की कोशिश कर रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपना बयान वापस लेते हैं या माफी मांगते हैं, तो उन्होंने कहा कि, क्यों? आप उसे कैसे समझते हैं यह आपकी मानसिकता है। मैंने जो बोला है संविधान के दायरे में बोला है। उनके इस बयान को लेकर पूणे में शिकायत भी दर्ज की गई है।