नई दिल्ली: दुनिया की पहली पीयर-टू-पीयर डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की कीमत बुधवार को नए रेकॉर्ड पर पहुंच गई थी। लेकिन गुरुवार सुबह अमेरिका के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बाइनेंस पर इसकी कीमत में अचानक करीब 90 फीसदी गिरावट तक आ गई। यह 65,000 डॉलर से लुढ़ककर 8,200 डॉलर पर आ गई। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने बिटकॉइन में आई इस भारी गिरावट के लिए एक बग को जिम्मेदार ठहराया है। यह बग एक इंस्टीट्यूशनल कस्टमर के ट्रेडिंग एल्गोरिदम में मौजूद था।
बाइनेंस के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अब भी इस मामले को समझने की कोशिश कर रही है, लेकिन ट्रेडर ने अब बग की समस्या को दूर कर लिया है और ऐसा लगता है कि यह मामला सुलझ गया है। इससे पहले बुधवार को बिटकॉइन की कीमत 67,000 डॉलर के नए रेकॉर्ड पर पहुंची थी। इसने अप्रैल का रेकॉर्ड तोड़ा था जब यह 65,000 डॉलर के करीब पहुंची थी। अमेरिका में पहले बिटकॉइन ईटीएफ के ट्रेडिंग करने के बाद इसकी कीमत में उछाल आई थी।
कितनी है कीमत अभी
क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के मुताबिक बिटकॉइन दोपहर बाद एक बजे 2.67 फीसदी की गिरावट के साथ 62838 डॉलर यानी 48,86,660 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर 0.22 फीसदी तेजी के साथ 4,137 डॉलर यानी 321967 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। दूसरी ओर RUNE 30.51 फीसदी, COTI 11.13 फीसदी और SOL 9.26 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रही थी।
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नेटवर्क पर काम करती है। इस पर ट्रेडर्स एक-दूसरे से कनेक्टेड रहते हैं। एक-एक ब्लॉक से चेन बनती है। ऐसे में अगर किसी ट्रेडिंग डिटेल में कोई गड़बड़ी हो हो जाती है तो इसका असर पूरी चेन पर पड़ता है। जब ट्रेडर्स अपने ऑर्डर की डिटेल गलत डालते हैं तो एल्गोरिदम की रिदम बिगड़ आ जाती है। अगर कोई बड़ा ट्रेड है और इसमें गलती हो जाए तो उस एक्सचेंज के ऑर्डर बुक में गड़बड़ी हो सकती है। इससे क्रिप्टो कॉइन्स की कीमतें अचानक गिर सकती हैं।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसे आप देख नहीं सकते। आसान शब्दों में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में लगाया था बैन
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन किया था। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी, जिसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं, उससे ट्रेड को मंजूरी दे दी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद वर्चुअल करेंसी जैसे बिटक्वाइन में कानूनी रूप से लेन-देन किया जा सकता है।